भारत से पंगा लेना दुश्मनो को पड़ेगा भारी, तैयार किया ये खतरनाक यान

भारत में डीआरडीओ का पूरा ध्यान इस समय एक रोबोटिक सिंगल यूज रीयूजेबल स्पेस प्लेन बनाने में है। जिसे एयरोबिक व्हीकल फॉर ट्रांसएटमॉसफियरिक हाइपरसोनिक एयरोस्पेस ट्रांसपोर्टेशन का नाम दिया गया है। ये एक खास तरह का सिंगल यूज वाला यान है। जो जमीन से अंतरिक्ष के लोअर अर्थ ऑर्बिट में जाएगा। इस यान का भार 25 टन होगा।

अगर ये सभी प्रोजेक्ट्स कामयाब हो जाते हैं तो दुश्मन भारत को भूलकर भी आँख दिखाने की कोशिश नहीं करेगा। तो आइए जानते हैं भारत के इन दमदार हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट्स और यानों के विषय में।

रक्षा से जुड़े जानकारों की मानें तो हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए यह परीक्षण एक बड़ा कदम है। लेकिन इससे भी ज्यादा हमारे देश के लिए गर्व करने की बात ये है कि भारत केवल अकेले केवल इसी यान पर फोकस नहीं कर रहा है बल्कि हमारे देश के पास आधा दर्जन से ज्यादा हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट्स हैं, जिन पर इस वक्त तेजी के साथ काम चल रहा है।

भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सोमवार को ओडिशा तट के पास डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से मानव रहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण किया गया।