आम लोगों के लिए RBI के गवर्नर कर सकते है ये बड़ा एलान, जानकर लोग हुए हैरान

भारतीय स्टेट बैंक रिसर्च रिपोर्ट में बोला गया, चूंकि अब 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि RBI भी ​लोन मोरेटोरियम पीरियड को तीन व महीनों के लिए बढ़ा दे।

 

रिपोर्ट में बोला गया कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक यह निर्णय लेता है तो इसका मतलब होगा कि 31 अगस्त 2020 तक कंपनियों को रिपेमेंट करने से छूट मिल सकेगी।

हालांकि, इसका मतलब यह भी है कि कंपनियों द्वारा सितंबर महीने में ब्याज देनदारियों को पूरा करने की आसार लगभग न के बराबर होगी।

ब्याज देनदारी (Interest Liability) जमा न करने का यह भी मतलब होगा कि एकाउंट ्स को गैर-निष्पादित कर्ज़ (Non-Performing Loan) के तौर पर क्लासिफाई कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों में ऐसा प्रावधान है।

ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के लिए महत्वपूर्ण है कि वो बैंकों को ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी दे, ताकि मौजूदा कर्ज़ को पूरी तरह से रिस्ट्रक्चर किया जा सकेगा। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक को 90 दिनों के नियम पर भी नए सिरे से विचार करना चाहिए।

देश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मुद्दे को देखते हुए पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से लॉकडाउन का ऐलान किया था।

लॉकडाउन के ऐलान के बाद मार्च के अंतिम हफ्ते में RBI ने सभी तरह के टर्म कर्ज़ के रिपेमेंट पर छूट दिया था। RBI ने यह कर्ज़ मोरेटोरियम रिपेमेंट को 1 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक के लिए लागू किया था।

आरबीआई (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास आज आम लोगों को बड़ा तोहफा दे सकते हैं। RBI गवर्नर प्रातः काल 10 बजे होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्ज़ रिपेमेंट मोरेटोरियम (Loan Repayment Moratorium) को 3 महीने के लिए व बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं।