पाकिस्‍तान में मौलानाओं की इस हरकत से मचा कोहराम, चारो तरह हुआ…

इन मौलाअनों ने सरकार को साफ कह दिया है कि रोजाना पांच वक्त की नमाज व जुमे की सामूहिक नमाज अब मस्जिद में पढ़ी जाएगी और रमजान के महीने में विशेष तरावीह नमाज भी पढ़ी जाएगी।

पूरे पाकिस्तान से आए उलेमा और धार्मिक नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया कि रोजाना पढ़ी जाने वाली पांच वक्त की नमाजें और जुमे की नमाज अब सामूहिक रूप से पढ़ी जाएंगी।

कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार ने जो दिशा-निर्देश, जैसे हाथ की साबुन से सफाई, सेनेटाइजर का इस्तेमाल, मस्जिदों की विशेष सफाई आदि, पर ध्यान दिया जाएगा लेकिन सामूहिक नमाज पर लगी रोक को नहीं माना जाएगा।

गौरतलब है कि उलेमा और धार्मिक नेताओं, जिनमें कुछ प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल थे, की एक अन्य बैठक इस्लामाबाद में भी हुई थी जिसमें सरकार को रमजान के महीने में सामूहिक नमाजों पर रोक नहीं लगाने को लेकर चेतावनी दी गई थी।

पाकिस्तान में लॉकडाउन के कारण अभी मस्जिदों में सामूहिक नमाजें पढ़ने पर रोक है। हालांकि, इस रोक के खिलाफ हर जुमे को पुलिस से लोगों के टकराव की खबरें आती रही हैं।

कराची में बैठक के बाद पाकिस्तान के मशहूर धार्मिक हस्ती मुफ्ती तकी उस्मानी ने कहा कि यह फैसला लिया गया है कि सामूहिक नमाजें अब पढ़ी जाएंगी और इस दौरान कोरोना के मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे।

इसमें लोगों के बीच दूरी को भी बनाए रखना शामिल है। बुजुर्गो और अस्वस्थ लोगों से घर पर ही नमाज पढ़ने के लिए कहा जाएगा।

आने वाले दिनों में कोरोना पाकिस्‍तान में कहर मचाने वाला है। पाकिस्तान के कुछ प्रभावशाली उलेमा ने सरकार से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक जैसे लॉकडाउन प्रतिबंधों का अब पालन नहीं किया जाएगा।

दुनिया में सभी देशों ने कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन का सख्‍ती से पालन करने को कहा है, लेकिन पाकिस्‍तान में मौलाना इमरान खान की मानने को तैयार नहीं है।

जिसके बाद यह है कि आने वाले दिनों में कोरोना पाकिस्‍तान में कहर मचाने वाला है। पाकिस्तान के कुछ प्रभावशाली उलेमा ने सरकार से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक जैसे लॉकडाउन प्रतिबंधों का अब पालन नहीं किया जाएगा।