ईरान ने इस देश को दी ये आखरी चेतावनी, कहा मिटा देंगे नमो – निशान

दोनों राष्ट्रों में जारी इस युद्ध में गोला-बारूद व मिसाइलों से एक-दूसरे पर हमला किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नागोर्नो-काराबाख़ के रिहाइशी इलाकों में अजरबैजान की सेना क्लस्टर बम गिरा रही है व अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार युद्ध में क्लस्टर बम का प्रयोग प्रतिबंधित है. हालांकि इससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय कन्वेन्शन पर अजरबैजान व अर्मेनिया ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

नागोर्नो-कराबाख़ की राजधानी स्टेपनाकियर्ट में इस स्पताह के अंत में भीषण बमबारी के दौरान क्लस्टर बमों का प्रयोग देखा गया है.  इधर, लड़ाई अब व भी अधिक व्यापक होता जा रहा है. हालांकि अमरीका, रूस व फ्रांस ने संयुक्त रूप से नागोर्नो-काराबाख़ में लड़ाई की निंदा की है व शांति बातचीत के जरिए निवारण निकालने की अपील की है. लेकिन अभी प्रयत्न खत्म होने के कोई इशारा नजर नहीं आ रहे हैं.

रूहानी ने बोला कि विवादित क्षेत्र औपचारिक तौर पर अजरबैजान का है, लेकिन वहां पर अर्मेनिया के लोग रहते हैं. दूसरी तरफ दोनों ही देश एक-दूसरे पर युद्ध प्रारम्भ करने का आरोप लगा रहे हैं.

उन्होंने बोला कि हमें सजग रहना है कि अजरबैजान व अर्मेनिया की यह लड़ाई सारे इलाके की लड़ाई न बन जाए. हम शांतिपूर्वक ढंग से क्षेत्र की स्थिरता को बहाल करने की उम्मीद करते हैं.

रूहानी ने बोला कि गलती से भी हमारी भूमि पर कोई मिसाइल या गोला गिरे, ये हमें स्वीकार नहीं है.हमारी पहली अहमियत अपने गांवों और शहरों की सुरक्षा करना है.

इस बीच ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि इस तरह से दोनों राष्ट्रों के बीच युद्ध जारी रहा तो इससे भारी तबाही आ सकती है. ईरान ने कि यह लड़ाई व्यापक रूप से क्षेत्र में प्रयत्न को बढ़ा सकती है.

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ( Iranian President Hassan Rouhani ) ने बोला है दोनों राष्ट्रों के बीच जारी युद्ध के बाद सारे इलाके में स्थिरता को लेकर संकट खड़ा हो जाएगा. इसका सीधा प्रभाव बाकी के पड़ोसी राष्ट्रों में होगा.

एशिया के दो पड़ोसी राष्ट्रों अर्मेनिया व अजरबैजान ( Armenia-Azerbaijan War ) के बीच विवादित नागोर्नो-काराबाख़ ( Nagorno-Karabakh ) क्षेत्र को लेकर भारी प्रयत्न का सिलसिला जारी है. पिछले हफ्ते प्रारम्भ हुए इस प्रयत्न में अब तक 300 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है.