राम जन्मभूमि पर इकबाल अंसारी ने किया बड़ा दावा, कहा अब तो होगा ये…

उच्चतम कोर्ट ने शनिवार को सियासी रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद धरती टकराव में शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी.

संविधान पीठ ने बोला कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित ढांचे पर अपना दावा करने की शिया वक्फ बोर्ड की अपील सर्वसम्मति से खारिज कर दी. न्यायालय ने बोला कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है.

वहीं दूसरी ओर, उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने खबर एजेंसी एएनआई से कहा कि “मैं इस बात से खुश हूं कि आखिरकार उच्चतम न्यायालय ने अपना निर्णय सुना दिया है. मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं.

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण  न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित धरती को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के विरूद्ध दायर अपीलों पर 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को बोला था कि इस पर निर्णय बाद में सुनाया जायेगा.