29 अक्टूबर को मुंबई में होने वाले एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच के आयोजन का मामला सुप्रीम न्यायालय में जा सकता है। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के सचिव उन्मेष खानविलकर व एक अन्य सदस्य ने मुंबई हाई न्यायालय में जाकर वनडे के लिए “तदर्थ समिति” गठित करने की मांग की थी। हाई न्यायालय ने इसपर उनसे सुप्रीम न्यायालय के पास जाने के लिए बोला है।
एमसीए अधिकारियों ने मंगलवार को बीसीसीआई के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की थी व उन्हें कुछ मुश्किलों से अवगत कराया था जिनमें एमसीए का बैंक खाता संचालित नहीं कर पाना व स्टेडियम के अंदर विज्ञापनों के लिए निविदा जारी नहीं करना भी शामिल था। एमसीए ऑफिसर गुरूवार को फिर से बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं।
एमसीए से वार्ता के बाद सीओए निवारण के प्रति आश्वस्त था
इससे पहले बीसीसीआई ने उम्मीद जताई थी है मुंबई क्रिकेट संघ इस मैच की मेजबानी करेगा वहीं राज्य इकाई ने इसके आयोजन में कुछ समस्याओं का हवाला दिया था। एमसीए अधिकारियों ने मंगलवार को बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी व उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। इनमें एमसीए का बैंक खाता संचालित नहीं कर पाने व स्टेडियम में एडवरटाईजमेंट अधिकारों के लिये निविदा सूचना जारी नहीं करना शामिल था।
एमसीए के एक प्रमुख ऑफिसर ने कहा, ‘‘बीसीसीआई के एक टॉप ऑफिसर के आग्रह पर एमसीए के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रबंधन समिति के कुछ सदस्यों ने उनसे मुलाकात की वउन्हें बैंक खाता संचालित नहीं कर पाने व मैच के लिये निविदा जारी नहीं करने की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने 29 अक्टूबर को होने वाले मैच के लिए अभी तक स्टेडियम के अंदर विज्ञापन, खानपान, साफ सफाई, व्यक्तिगत सुरक्षा आदि के लिये निविदा नहीं दी है। ’’
विनोद राय ने भी बोला था कि निवारण निकल आएगा
सीओए के प्रमुख विनोद राय ने हालांकि बोला कि जल्द ही उपयुक्त निवारण निकल आएगा। राय ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मुंबई का वनडे स्थानान्तरित किया जाएगा। हां उन्होंने कुछ मसले उठाए हैं व मुझे विश्वास है कि हम कुछ उपयुक्त निवारण निकाल लेंगे। ’’
एक अन्य ऑफिसर ने कहा, ‘‘एमसीए सचिव उन्मेष खानविलकर व एक अन्य सदस्य ने हिंदुस्तान – वेस्टइंडीज मैच के लिये तदर्थ समिति गठित करने के लिये मुंबई हाई न्यायालय की शरण ली लेकिन हाई न्यायालय ने उसने सुप्रीम न्यायालय के पास जाने के लिये बोला था। ” ऑफिसर ने बोला था कि एकदिवसीय मैच के आयोजन के लिये सुप्रीम न्यायालय के पास जाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।