नेपाल में हो रहा भारत का विरोध, वजह जानकर चौक गए लोग

भारत के रक्षा मंत्री ने शनिवार को उत्तरखण्ड के धारचूला से लेकर चीन की सीमा लिपुलेख तक सड़क निर्माण के काम का उद्घाटन किया.

 

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 90 किलोमीटर के इस रास्ते के निर्माण के बाद अब कैलाश मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी आसानी हो जाएगी.

इस नए रास्ते से या तो ट्रैकिंग के जरिये या फिर गाड़ी से चीन की सीमा तक तक पहुंचा जा सकता है. जिससे मानसरोवर दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम दो से तीन हफ्ते की बचत होगी.

पिछले 21 वर्षों से इस सड़क का काम चल रहा था. 2015 में चीनी राष्ट्रपति के भारत भ्रमण के समय दोनों देशो के बीच समझौते के बाद इस काम में तेजी आई अब जाकर ट्रैक खोलने का काम पूरा हो गया है.

भारतीय सेना के मातहत रहे बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने इस अत्यंत कठिन काम को किया है जिसके बाद कल स्वयं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक ने बीआरओ की तारीफ़ की थी

नेपाल में पिछले 50 दिनों से चल रहे लॉक डाउन के बीच यहां का राजनीतिक माहौल अचानक गरमा गया है. लॉक डाउन के बावजूद यहां सडकों पर भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं. सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता भारतीय दूतावास का घेराव कर रहे हैं.

नेपाल सरकार की तरफ से यहां के विदेश मंत्रालय भारत के खिलाफ प्रेस वक्तव्य निकाल रहा है. सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष के नाते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, प्रचण्ड जैसे बड़े नेता से लेकर छोटी राजनीतिक पार्टी के नेता, नेपाल का नागरिक समाज, बुद्धिजीवी, पत्रकार देश के सभी मीडिया शनिवार दोपहर बाद से अचानक भारत विरोध में उतर आए हैं.

भारत के लिए सबसे बड़ा झटका उस समय लगा जब भारत के सबसे करीबी माने जाने वाले नेता राजनीतिक दल भी उसके विरोध में उतर गए. नेपाल में जबरदस्त विरोध के बाद देर शाम नई दिल्ली से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता को अपनी सफाई देनी पड़ गई.