भारत को जुलाई में मिलेगा ये बड़ा हथियार, यहाँ होगी तैनाती

आपको बता दें कि सरकार के सूत्रों ने बताया कि कोरोना के कारण कुछ की हफ्तों की देरी हुई है, लेकिन अब विमान जुलाई में आएंगी.

 

सरकार के सूत्रों ने कहा कि राफेल के आने से हवाई युद्ध क्षमताओं में देश की ताकत बढ़ेगी. राफेल विमान दुश्मन के विमानों को 150 किलोमीटर की अधिक दूरी से मार सकता है. चीन और पाकिस्तान दोनों ही इतनी दूरी से मिसाइल लॉन्च नहीं कर सकते हैं.

वहीं पहले चार विमान अंबाला वायुसेना अड्डे पर तैनात होंगे. यही पर राफेल स्क्वाड्रन बनाया गया है. भारत ने 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 36 राफेल विमानों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जो दक्षिण एशिया में भारतीय वायु सेना की ताकत को बढ़ाने में मदद करेगी.

गौरतलब है कि इन दिनों पाकिस्तान और चीन सीमा पर तनाव का माहौल है. हंदवाड़ा एनकाउंटर के बाद पाकिस्तानी सीमा में लड़ाकू विमानों को उड़ते हुए देखा गया था. इसके बाद भारतीय सेना अलर्ट मोड पर आ गई थी और पाकिस्तान की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.

कोरोना वायरस के कारण भारत को राफेल विमान मिलने में देरी हो रही थी , इसी बीच अब खबर है कि पाकिस्तान और चीन से सरहद पर तनाव के बीच भारत के लिए अच्छी खबर है.

जुलाई के आखिरी हफ्ते में भारत को चार राफेल विमानें मिलेंगी. इन विमानों को भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा.