भारत में आएगी इस देश की बनाई कोरोना वैक्‍सीन, परीक्षण के लिए तैयार ये लोग…

इजरायल ने अपनी कोविड वैक्‍सीन का नाम बेरीलाइफ रखा है. यह वैक्‍सीन इजरायल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च (आईआईबीआर) ने तैयार की है. आईआईबीआर के डायरेक्‍टर-जनरल के अनुसार ‘बेरी’ का हिब्रू भाषा में मतलब स्‍वास्‍थ्‍य होता है, ‘इल’ का मतलब इजरायल और जीवन.

 

वैक्‍सीन का फेज 1 ह्यूमन ट्रायल दो सेंटर्स पर होगा. पहले फेज में 100 लोगों पर ट्रायल होगा. सेफ साबित होने पर वैक्‍सीन का दूसरे फेज में 1,000 लोगों पर ट्रायल किया जाएगा. भारत में कोरोना वैक्‍सीन की उपलब्‍धता होने पर उसकी डिलिवरी के लिए तैयारियां जोरों पर हैं.

शनिवार (Saturday) को डॉ. रेड्डी लैब्‍स ने कहा कि उन्‍हें ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से स्पूतनिक वी के फेज2 और 3 क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. मल्‍टी-रेंटर रैंडमाइज्‍ड कंट्रोल ट्रायल में यह देखा जाएगा कि वैक्‍सीन कितनी असरदार और सुरक्षित है.

यह टीका गामलेया नेशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है. स्पूतनिक वी दुनिया की पहली ऐसी वैक्‍सीन है जो रजिस्‍टर्ड हुई है. फिलहाल रूस में इसका फेज 3 ट्रायल चल रहा है.

हालांकि कितनी डोज पर बात बनी है, यह अभी तक क्लियर नहीं हुआ है. मैनकाइंड के अलावा डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज ने भी इसी वैक्‍सीन के लिए आरडीआईएफ के साथ पार्टनरशिप की है. डॉ. रेड्डी लैब्‍स को 10 करोड़ डोज दी जाएंगी.

दूसरी तरफ, इजरायल ने अपनी कोविड-19 (Covid-19) वैक्‍सीन का नाम ‘बेरीलाइफ’ रखा है. इंसानों पर इसका ट्रायल अक्‍टूबर के आखिरी हफ्तों में शुरू होगा. इजरायल ने अगस्‍त में ही दावा किया था कि उसने कोरोना की वैक्‍सीन बना ली है.

वैश्विक महामारी (Epidemic) कोविड-19 (Covid-19) की रोकथाम के लिए भारत में देसी कोरोना वैक्‍सीन के लिए कम से कम अगले साल तक प्रतीक्षा करना होगी. उससे पहले रूस की कोविड वैक्‍सीन स्पूतनिक वी भारत में उपलब्‍ध हो सकती है.

बशर्ते वह रेगुलेटरी क्लियरेंस हासिल कर ले. दिल्‍ली की मैनकाइंड फार्मा ने आरडीआईएफ के साथ स्पूतनिक वी की भारत में मार्केटिंग और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन के लिए डील की है.