भारत ने इस देश को नदी के रास्ते पहुंचाया ये, जानकर चीन के उड़े होश

पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया के सफल नेतृत्व व मंत्रालय के सचिव डॉक्टर संजीव रंजन के दिशा निर्देश पर यह कार्य पूरा हो पाया है।

 

इस रूट के खुलने से बांग्लादेश और भारत के बीच व्यापारिक संबंध और भी मजबूत होंगे। साथ ही बांग्लादेश के रास्ते भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मालों को भेजना बहुत सुगम व किफायती होगा।

इससे समय की काफी बचत होगी। इस सफलता पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन विनीत कुमार ने कोलकाता डॉक सिस्टम के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है।

यह जहाज 21 जुलाई को चट्टोग्राम पोर्ट पर पहुंचा। खराब मौसम के बावजूद कंटेनर को अनलोड किया गया और उसे बांग्लादेश के अखौरा भूमि सीमा शुल्क विभाग के पास भेज दिया गया।

लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा तय कर कंटेनर बुधवार दोपहर अखौरा लैंड कस्टम स्टेशन पहुंचा। बताया गया है कि पेपर वर्क पूरा करने के बाद गुरुवार सुबह यह कंटेनर त्रिपुरा के अगरतला पहुंचा है।

इसी कड़ी में कोलकाता से बांग्लादेश के चट्टोग्राम पोर्ट के रास्ते त्रिपुरा के अगरतला तक कंटेनर भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है, कोलकाता से इसका पहला ट्रांजिट कंटेनर गुरुवार को त्रिपुरा पहुंचा है।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (पूर्व में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट) के प्रवक्ता संजय मुखर्जी ने “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया कि 16 जुलाई को केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने कोलकाता से चट्टोग्राम पोर्ट के रास्ते त्रिपुरा के लिए कंटेनर एमवी शेज्योति नामक मालवाहक जहाज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

भारत-बांग्लादेश के बीच मौजूदा दोस्ताना संबंधों को देखते हुए भारत सरकार ने नदी के रास्ते भी व्यापार की सुगमता सुनिश्चित की है। केंद्र सरकार की पहल पर भारत व बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए जलमार्ग का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है।