टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर हुई टीम इंडिया, जानिए कैसे…

टी-20 विश्व कप 2021 की जब शुरुआत हुई तो भारतीय टीम को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। विराट कोहली की सेना ने वॉर्मअप मैचों में धमाकेदार प्रदर्शन करके इस बात को और भी मजबूती दी थी।

लेकिन, किसे पता था कि स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम इंडिया इस तरह से टूर्नामेंट में औंधे मुंह गिरेगी कि उसको सेमीफाइनल में अपनी ही जगह पक्की करने के लिए किसी दूसरी टीम पर निर्भर होना पड़ेगा। खैर न्यूजीलैंड के हाथों अफगानिस्तान को मिली हार के साथ ही भारत का विश्व कप में सफर भी समाप्त हो गया है और बतौर टी-20 कप्तान चैंपियन कहलाने का कोहली का विराट सपना भी चकनाचूर हो चुका है। आइए एक नजर डालते हैं उन पांच कारणों पर जिसके चलते बिगड़ा यूएई में टीम इंडिया का खेल।

टी-20 वर्ल्ड कप के लिए जब टीम इंडिया की 15 सदस्यीय टीम का ऐलान किया गया था तो उसमें कई सवाल खड़े किए गए और वो उन सभी सवालों के जवाब विराट एंड कंपनी पूरे टूर्नामेंट में भी खोजती नजर आई। युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल ना करना शायद सिलेक्टर्स की सबसे बड़ी गलती साबित हुई और भारतीय टीम को उनकी कमी खूब खली। चहल की जगह यूएई गए राहुल चाहर की विराट ने वकालत तो खूब की थी, पर उनको एक भी मैच में मैदान पर उतरने का मौका नहीं दिया। आईपीएल की चकाचौंध से चमके वरुण चक्रवर्ती ने जैसे ही टीम इंडिया की जर्सी पहनी मानो उनकी मिस्ट्री स्पिन कही छूमंतर हो गई। श्रेयस अय्यर को 15 की जगह रिजर्व खिलाड़ी में रखना का फैसला भी समझ से परे ही रहा।

यह बात टूर्नामेंट की शुरुआत से ही कही जा रही थी कि इस टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर उनका टॉप ऑर्डर तय करेगा। वॉर्मअप मैचों में तो केएल राहुल और रोहित शर्मा का बल्ला जमकर बोला, लेकिन पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ दोनों को मानो सांप सूंघ गया। रोहित इन दोनों अहम मैचों में कुल मिलाकर 14 रन बना सके तो राहुल भी बॉल को मिडल करने के लिए तरसते दिखाई दिए। कोहली का बल्ला पाकिस्तान के खिलाफ तो चला, लेकिन कीवी गेंदबाजों के आगे कप्तान सहाब ने भी घुटने टेक दिए।

टीम इंडिया का जब चयन हुआ तो यह बताया गया कि हार्दिक पांड्या फिट हैं और वह इस विश्व कप में गेंदबाजी करते हुए नजर आएंगे। बॉलिंग तो छोड़िए यहां तो हार्दिक ठीक तरह से बैटिंग भी नहीं कर सके। अफगानिस्तान के खिलाफ मैच को छोड़ दें तो हार्दिक टूर्नामेंट में बुरी तरह से फ्लॉप रहे। इसके बावजूद कप्तान कोहली ने बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज हार्दिक को लगातार प्लेइंग इलेवन में मौका दिया और उनकी इस जिद्द ने टीम इंडिया का खेल बिगाड़ा। भारत को छठे गेंदबाज की कमी खली और हार्दिक फिनिशर का रोल भी बखूबी तरीके से नहीं निभा सके।