कंट्रोल में रहे भारत, चीन नहीं चाहता आगे किसी भी तरह की हो…

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. चीन नहीं चाहता है कि आगे किसी भी तरह की झड़प हो. लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. सीमा से जुड़े मुद्दों और हमारी कमांडर स्तर की वार्ता की सर्वसम्मति के बाद भी भारतीय सेना ने सीमा पार की. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने हमारी सीमा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.

हम भारत को बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने के लिए सही रास्ते पर वापस आने के लिए कहते हैं. झाओ लिजियन ने कहा कि हम राजनयिक और सैन्य अफसरों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं. इसका सही और गलत होना बहुत स्पष्ट है. हिंसक झड़प की घटना एलएसी के चीनी पक्ष में हुई और चीन इसके लिए दोषी नहीं है. हम और हिंसक झड़प नहीं चाहते हैं. मामले का हल बातचीत के जरिए निकाला जा सकता है.

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प (India-China Rift) के बाद अब दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गयी हैं. उधर चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ विवाद या हिंसक झड़प जैसी स्थिति नहीं चाहता है.

हालांकि चीन ने फिर आरोप लगाया है कि भारतीय सेना (Indian Army) के आक्रामक रवैये के बाद सोमवार देर रात सैनिकों में हिंसक झड़प हो गयी थी. बता दें कि इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए थे.

चीन ने स्पष्ट कहा है कि अगर भारतीय सेना की तरफ से आक्रामक रुख नहीं अख्तियार किया जाएगा तो सीमा पर शांति रहेगी. लिजियन ने कहा कि हम लगातार बातचीत कर रहे हैं और इसका नतीजा सकारात्मक होगा.

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम भारत से अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करने, उल्लंघन और उकसावे वाली गतिविधि को एक बार में रोकने, चीन के साथ काम करने की सलाह देते हैं.