चीन के खिलाफ भारत ने उठाया ये बड़ा कदम, जानकर पाकिस्तान के भी उड़े होश

चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर जारी गतिरोध के बीच सशस्त्र बलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सैन्य मामलों के विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स) ने एक नई एयर डिफेंस कमांड (एडीसी) गठित करने का फैसला लिया है।

 

एडीसी की स्थापना के बाद इंटीग्रेटेड तरीके से होस्टाइल एयरक्राफ्ट, मिसाइल, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से देश के एयरस्पेस की रक्षा की जा सकेगी।

इस कमांड के बनने के बाद तीनों सेनाओं की शक्ति को साथ मिलाकर देश के एयर डिफेंस को मजबूत किया जाएगा।भारत में अब तक केवल दो एकीकृत कमांड हैं।

इसके अलावा 17 एकल सेवा कमांड हैं जिनमें भारतीय सेना और वायुसेना की सात-सात और नौसेना की 3 हैं। चीन से जुड़ी समुद्री सीमा पर नौसेना की अंडमान-निकोबार कमांड (एएनसी) 2001 में बनाई गई थी।]

इस बारे में वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने एक अध्‍ययन करके तीनों सेनाओं को मिलाकर नया एयर डिफेंस कमांड (एडीसी) बनाने की सिफारिश की थी।

इसी के तहत वायु सेना अधिकारी के निर्देशन में कमांड की संरचना तैयार करने के लिए काम तेज कर दिया गया है। इस वर्ष 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे के आसपास प्रयागराज में एयर डिफेंस कमांड बनने की घोषणा की जा सकती है। इसका नेतृत्व भारतीय वायुसेना के जनरल (एयर मार्शल) करेंगे।

इस एयर डिफेंस कमांड का गठन भारतीय वायुसेना की मध्य कमान मुख्यालय के साथ किया जाना प्रस्तावित है, जो आगरा, ग्वालियर और बरेली सहित महत्वपूर्ण एयरबेस को नियंत्रित करता है। इसका उद्देश्‍य तीनों सेनाओं के संसाधनों को एक कमांड के तहत संयोजित करके इसे देश के एयरस्‍पेस की सुरक्षा के लिए सक्रिय करना है।

इसकी घोषणा देश के पहले सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने पद संभालने के बाद इसी साल जनवरी में की थी। इसके तहत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अक्‍टूबर माह तक नई एयर डिफेंस कमांड गठित की जा सकती है। इसके बनने के बाद पूरे देश के एयर डिफेंस को यही एयर डिफेंस कमांड संचालित करेगा।