चीन से निपटने के लिए भारत ने तैयार किया ये खतरनाक हथियार, कभी भी छोड़ सकता…

भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई के बाद से कई बार सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इनका कोई परिणाम नहीं निकला है. चीन के विस्तारवादी रवैये के चलते भारत और चीन के बीच पिछले 4 महीनों से हालात तनावपूर्ण हैं. वहीं भारतीय सेना भी चीनी सेना के किसी भी तरह के आक्रामक रुख का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.

मौजूदा समय में चीनी पक्ष ने एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला-बारूद जुटा रखा है. पूर्वी लद्दाख में गोगरा और पैंगोंग झील का उत्तरी और दक्षिणी तट मुख्य रूप से विवादित क्षेत्र हैं.

चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारे सशस्त्र बलों ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त जवाबी तैनाती की है ताकि भारत के सुरक्षा हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके. भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा मुद्दों का हल, बातचीत और परामर्श के जरिए किए जाने के प्रति प्रतिबद्ध है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ​ने ​मंगलवार को ​​लोकसभा में ​चीन (China) मुद्दे पर बयान ​देकर​​ ​’लद्दाख में सीमा पर हालात’ के बारे में देश को अवगत करा​या. ​उन्होंने खुले तौर पर माना कि चीन ने लद्दाख में भारत की लगभग ​​38​ हजार वर्ग किमी भूमि ​पर अनधिकृत कब्जा किया है​​.

इसके अलावा 1963 में एक तथाकथित सीमा-समझौते के तहत पाकिस्तानने पीओके की 5180 वर्ग किमी भारतीय भूमि को अवैध रूप से ​चीन ​को सौंप ​दी है​. ​अपनी जमीन और सीमा की रक्षा करते हुए कर्नल संतोष बाबू और उनके 19 वीर साथियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है.​​

संसद लाइब्रेरी बिल्डिंग में सर्वदलीय बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, थावरचंद गहलोत, गुलाम नबी आजाद, डेरेक ओ ब्रायन मौजूद हैं. राज्यसभा में 5 से ज्यादा सांसदों वाले सभी दलों के सदन में नेताओं के साथ सरकार ने यह कंसल्टेशन मीटिंग बुलाई है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दल LAC समेत जो भी मुद्दा उठाएंगे, उन सभी मुद्दे पर खुले मन से बैठक में चर्चा होगी. मालूम हो कि लोकसभा में चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के ठीक एक दिन बाद यह बैठक बुलाई जा रही है.

संसद का मानसून सत्र शुरू होने के पहले से ही विपक्ष लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर सरकार से जवाब मांगता आ रहा है. अब इसी कड़ी में बुधवार को सरकार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है.