लद्दाख में अब भारत बनाएग ये, 3-4 घंटे में…, चीन के छूटे पसीने

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अब ​मनाली से लेह तक नीमू-पद्म-दार्चा होते हुए वैकल्पिक मार्ग बनाने की तैयारी कर रहा है। इस सड़क से मौजूदा जोजिला पास वाले रास्ते और सार्चु से होकर मनाली से लेह तक के रूट के मुकाबले समय की काफी बचत होगी।

 

यानी कि नई सड़क से मनाली और लेह की दूरी 3-4 घंटे कम हो जाएगी। साथ ही लद्दाख तक तेजी से सैन्य मूवमेंट हो सकेगा।खास बात यह है.

यह ऐसा मार्ग होगा जिससे भारतीय सेना की आवाजाही, ​तैनाती व लद्दाख तक तोप, टैंक जैसे भारी हथियारों की मूवमेंट की दुश्मन को भनक तक नहीं लगेगी।

मनाली से लेह तक इस सड़क के बनने के बाद भारत के पास अब लद्दाख तक पहुंचने के तीन रास्ते उपलब्ध हो जायेंगे, इसलिए चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे टकराव के कारण भारत का यह कदम ​रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अभी हाल ही में भारत ने लद्दाख बॉर्डर तक पहुंचने के लिए 17 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर एक पुराने कारवां मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप तैयार किया है.

जिससे डेप्सांग प्लेन्स, डीबीओ, डीएसडीबीओ तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। अब दूसरे बनने वाले मार्ग से चीन सीमा तक सैनिकों की पहुंच तेजी से हो सकेगी।

दुश्मन की निगाह से बचने के लिए भारत लद्दाख तक एक सड़क बनाने की तैयारी में है। इस मार्ग से ​लद्दाख तक सैनिकों और हथियारों की तेजी से आवाजाही हो सकेगी।