हिंदुस्तान ने बनाया ये खतरनाक प्लान, 10 जून से चीन की उल्टी गिनती शुरू

इस अभियान की घोषणा करते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि पिछले चार वर्षों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर लगातार समय समय पर कैट आंदोलन छेड़ता रहा है.

 

जिसकी वजह तथा सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम से वर्ष 2018 से अब तक चीन से आयात में लगभग 6 अरब डॉलर की कमी हुई है।कैट ने कहा कि चीन से आयात होने वाले करीब 3000 उत्पादों की सूची बनाई है जिन वस्तुओं के आयात न होने से हिंदुस्तान को कोई खास अंतर नहीं पड़ेगा।

कारोबारी संग्ठन का कहना है कि वो सारी वस्तुएं हिंदुस्तान में पहले से ही बन रही है। इस अभियान के अंतर्गत कैट व्यापारियों को छेनी वस्तुएं न बेचने के लिए आग्रह करेगा।

वहीँ, देश के लोगों से चीनी वस्तुओं के स्थान पर स्वदेशी उत्पादों को इस्तेमाल में लाने का आग्रह करेग ताकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान ‘लोकल पर वोकल’ को सफल बनाने में एक अहम भूमिका निभाया जा सके।

खंडेलवाल ने कहा की जब भी चीनी सामान के बहिष्कार की बात होती है तब कुछ लोग हमेशा यह सवाल उठाते हैं की यह हो नहीं सकता लेकिन हिंदुस्तान के व्यापारी समुदाय हिंदुस्तानीय नागरिकों के साथ मिलकर इसको कर के दिखाने का संकल्प ले चुका है। उन्‍होंने कहा कि बेशक ये एक रात में नहीं होगा, लेकिन हम इसकी शुरुआत करेंगे और अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे।

कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 10 जून से देशभर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान ‘हिंदुस्तानीय सामान-हमारा अभिमान’ शुरू करने की घोषणा की है!

व्यापारियों के शीर्ष संगठन कैट ने कहा कि दिसंबर 2021 तक चीनी वस्तुओं के हिंदुस्तान द्वारा आयात में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये कम करने का लक्ष्य रखा है।