अब इस देश की जमीन को हथियाने में जुटा चीन, निपटने के लिए तैयार भारत

डोकलाम में तनातनी के बाद से पीएलए ने पश्चिमी भूटान के पांच इलाकों में घुसपैठ की. इसके साथ ही भूटान में 40 किलोमीटर भीतर चुंबी वैली तक फैली नई सीमा पर भी अपना दावा ठोंका है.

 

चीन ने उस इलाके में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. इसके साथ ही सैनिकों और हथियारों को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए सड़कों, हेलीपैड्स का निर्माण भी किया गया है.

नेशनल सिक्यॉरिटी प्लानर्स के मुताबिक पीएलए ने नॉर्थ डोकलाम में सर्विलांस में वृद्धि कर दी है. उसने यहां सर्विलांस कैमरे लगा दिए हैं और आक्रामक तरीके से सेना की तकनीकी योग्यता को बढ़ाया जा रहा है.

थिंपू ने भी रॉयल भूटान आर्मी को तैयार रहने को कहा है और पीएलए को तोरसा नाले के दक्षिण से आने से रोकने के लिए अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है.

चीन भूटान के पश्चिमी सेक्टर में 318 वर्ग किलोमीटर और सेंट्रल सेक्टर में 495 वर्ग किलोमीटर पर दावा करता है. विस्तारवादी नीति के तहत चीनी सेना सड़क और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में जुटी है. चीन की तरफ से लगातार आक्रामक पेट्रोलिंग के जरिए भूटान की रॉयल आर्मी को डराने की कोशिश की जाती है.

संभावना है कि आगामी बातचीत से पहले अतिक्रमित क्षेत्रों और पश्चिमी भाग पर कब्जे के लिए बीजिंग पीएलए की मदद से घुसपैठ और अतिक्रमण कर सकता है.

भूटान सिलीगुरी कॉरीडोर के करीब है और भूटान की ओर से जमीन को लेकर किया गया कोई भी समझौता भारतीय सुरक्षा तंत्र पर बुरा प्रभाव डालेगा.

लद्दाख और दक्षिण चीन सागर के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) भूटान के खिलाफ भी मोर्चा खोलने की ओर अग्रसर है. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने सीमा को लेकर के 25वें दौर की बातचीत को अपने पक्ष में झुकाने के लिए नई चाल चली है. इस मकसद से भूटान (Bhutan) पर दबाव बनाने के लिए राज्य के पश्चिमी और मध्य भाग में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया है.