Bengaluru: Prime Minister Narendra Modi speaks during the completion of Parivartan Yatra rally in Bengaluru on Sunday. PTI Photo by Shailendra Bhojak(PTI2_4_2018_000168B)

भारत ने इस देश को दी ये बड़ी नसीहत, कहा सीमा पर…

यह द्विपक्षीय समझ के विपरीत है जो राजनयिक वार्ता के जरिये लंबित सीमा मुद्दों को सुलझाने की बात कहता है। उन्होंने कहा, ऐसे कृत्रिम तरीके से क्षेत्र में विस्तार के दावे को भारत स्वीकार नहीं करेगा।

 

भारत ने यह भी कहा कि नेपाल सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नेपाली नेतृत्व लंबित सीमा मुद्दे के समाधान के संबंध में राजनयिक वार्ता के लिये सकारात्मक माहौल बनायेगा।

उन्होंने कहा कि नेपाल इस मामले में भारत के सतत रूख से परिचित है और हम नेपाल की सरकार से इस तरह के अनुचित मानचित्रण से बचने का आग्रह करते हैं तथा उनसे भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहते हैं ।

बता दें कि, नेपाल के भूमि सुधार मंत्री पद्म अरयाल ने संवाददाता सम्मेलन में नया नक्शा जारी किया। लिपुलेख दर्रा, कालापानी के पास सुदूर पश्चिमी क्षेत्र है .

भारत सरकार ने नेपाल द्वारा नए नक्शे में किए भौगोलिक दावों को खारिज करते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। लिपुलेख और कालापाली को अपने क्षेत्र में प्रदर्शित किये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए धवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह से क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं किया जायेगा। भारत ने नेपाल को यह भी नसीहत है कि उसे अनुचित दावों से बचना चाहिए।

जो नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा क्षेत्र रहा है। इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था। बता दें कि, नेपाल और ब्रिटिश भारत के बीच 1816 में सुगौली की संधि के आधार पर कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर नेपाल अपना दावा करता है।

नेपाल के दावों को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, इस तरह का एकतरफा कार्य ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है।