भारत ने चीन को दी ये आखरी चेतावनी, कहा सैनिक वापस बुलाने होंगे, वरना…

इस इलाके में चीन ने हजारों सैनिकों के साथ-साथ टैंक और आर्टिलरी गन तैनात कर रखे हैं।दोनों सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच 2 अगस्त को हुई पांचवें दौर की बातचीत में लिये गए फैसलों पर अब तक चीन की ओर से अमल न किये जाने पर भी प्रमुखता से बात हुई.

 

भारत ने चीन से डेप्सांग और दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में तैनात अपने सैनिकों को वापस बुलाने और निर्माण गतिविधियां रोकने के लिए कहा।

सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक शाम साढ़े सात बजे समाप्त हुई। इस छठे दौर की 8 घंटे की वार्ता में भी भारत और चीन के बीच पैंगॉन्ग झील, डेप्सांग मैदानी क्षेत्र और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया के विवादित मुद्दों का समाधान नहीं निकल सका है। भारतीय पक्ष से तीसरी इन्फेंट्री डिविजन के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट ने बातचीत का नेतृत्व किया।

लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए शनिवार को दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) क्षेत्र में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई।

वहीँ पूर्वी लद्दाख में एलएसी के कुछ विवादित क्षेत्रों से चीनी सेना पीछे हटी है मगर डेप्सांग और पैंगॉन्ग झील के फिंगर एरिया से हटने को तैयार नहीं है। सेना को ‘खुली छूट’ देने के बाद रक्षा मंत्री भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दे चुके हैं।

भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की छठवें दौर की वार्ता उम्मीद के मुताबिक फिर नाकाम हुई है। भारत की तरफ से वार्ता कर रहे कमांडर ने साफ कहा कि डेप्सांग से चीन को अपने सैनिक वापस बुलाने होंगे, वरना “किसी भी घटना के लिए तैयार रहें”।