भारत ने चीन को दिया ये बड़ा झटका, बना लिया ये…

इन इकाइयों के लिए विशेष फंड बनाने के साथ कर्ज भुगतान में रियायत देने की भी योजना बनाई है।वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाले दवा निर्यात संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन दिनेश दुआ का कहना है .

 

भारत में प्रतिभाओं, उद्यमशीलता की भावना, प्रौद्योगिकी, स्वचालन और विनिर्माण सहित एपीआई के अन्य अवयवों की कमी नहीं है।

इसके साथ ही बंद पड़ी इकाइयों को राजकोषीय मदद के साथ पूंजीगत सब्सिडी, दो साल तक ईएमआई में छूट और तीन साल तक बिना ब्याज कर्ज देने से एपीआई निर्माण के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, सरकार पहले ही सभी 53 केएसएम (प्रमुख शुरुआती सामग्री, जो एपीआई के लिए ब्लॉक का निर्माण करते हैं) और एपीआई के लिए प्रोत्साहन देने की घोषणा कर चुकी है, जिनके लिए हम आयात पर निर्भर हैं।

कोरोना कहर में दुनियाभर में चीन के सामान को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. आपको बता दें कि चीन की दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर दुनियाभर के देशों का भरोसा कम हो रहा है।

इसका फायदा उठाने के लिए सरकार बंद पड़ी सक्रिया फार्मा घटक (एपीआई) इकाइयों को दोबारा शुरू करने की तैयारी में है।