जानकार सूत्रों का कहना है कि लद्दाख के गलवां नाला इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास मई के पहले हफ्ते में चीनी सैनिकों का जमावड़ा शुरू हुआ था।
चीनी सैनिकों की घुसपैठ की आशंका से भारतीय सेना चौकन्ना हो गई और त्वरित कदम उठाए जाने से चीन की साजिशें फेल हो गईं। चीन इस मामले में दोहरी चाल चल रहा है।
एक ओर तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि एलएसी पर सबकुछ सामान्य है मगर दूसरी ओर अभी भी इस इलाके में काफी संख्या में चीनी सैनिकों का जमावड़ा बना हुआ है।
चीनी सैनिकों ने इलाके में सौ तंबू गाड़ रखे हैं और वहां लगातार उसकी सैन्य गतिविधियां जारी हैं। हालांकि भारतीय सेना भी चौकन्ना है और चीन की किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारत की ओर से गलवां नाला इलाके में चीन के सड़क बनाने पर पहले ही आपत्ति जताई जा चुकी है। दूसरी ओर चीन भारतीय पेट्रोलियम प्वाइंट 14 के पास भारतीय सेना की तरफ से पुल बनाने पर विरोध दर्ज करा चुका है।
भारत की ओर से भारतीय पोस्ट केएम-120 के पास पुल वाली जगह पर सैनिकों की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। भारतीय पोस्ट से 17 किलोमीटर दूर गलवां नाले के पास चीनी सैनिक गश्त में जुटे हुए हैं।
इसके साथ ही चीेन इस इलाके में भारत की तरफ से सड़क नेटवर्क तैयार किए जाने से भी खफा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि इस इलाके में सड़क बनाने का काम नहीं रोका जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि भारत की ओर से यह काम जारी रखा जाएगा और भारत इस मामले में किसी के दबाव में आने वाला नहीं है।
भारत में लद्दाख के गलवां नाला इलाके में भारतीय सीमा के अंदर चीनी सैनिकों की घुसपैठ की साजिशों को नाकाम कर दिया है। भारत ने इस मामले में जवाबी कार्रवाई करते हुए सही समय पर काफी संख्या में भारतीय सैनिकों की तैनाती करके इस साजिश को नाकाम करने में कामयाबी हासिल की है।
चीन ने भारत के इस इलाके में तेजी से घुसपैठ करने की साजिश रची थी मगर भारत की ओर से त्वरित कार्रवाई किए जाने के कारण चीन की घुसपैठ का खतरा टल गया है।