भारत – चीन के बीच हो सकती लड़ाई, लद्दाख में लाया जा रहा ये हथियार

भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडरों की छठे दौर की बातचीत आज मोल्डो में होने जा रही है। इसमें मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सौनिकों को पीछे हटाना और तनाव घटाने पर बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। द है। उन्होंने बताया कि भारत इस वार्ता में कुछ ठोस नतीजे निकलने की उम्मीद कर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा था कि गोल्डन एरोज (राफेल स्वाड्रन) को जहां भी तैनात किया जाएगा, वह हमेशा दुश्मन पर भारी पड़ेंगे। बीच में खबरें आई थीं कि चीन ने तिब्बत के क्षेत्र में पड़ने वाले कई हवाई अड्डों पर लड़ाकू विमानों की तैनाती की है.

जिसके चलते भारत के लिए भी इस प्रकार का कदम उठाना जरूरी है। पिछले दिनों वायुसेना प्रमुख ने भी एलएसी के करीब स्थित वायुसेना केंद्रों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था।

राफेल विमान जब वायुसेना में शामिल किए गए थे, तब वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि उन्हें सही वक्त पर वायुसेना में शामिल किया गया है। ये वायुसेना की ताकत में इजाफा करेंगे।

चीन से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना भी किसी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हाल में वायुसेना में शामिल हुए राफेल विमान भी लद्दाख में उड़ान भर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राफेल विमानों ने लद्दाख के आसपास के क्षेत्रों में रविवार को भी उड़ान भरी हैं। सरकारी सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है। कुछ मिराज विमान भी उड़ान भरते देखे गए हैं।