भारत-चीन सीमा का कैसा है स्वरूप.. क्यों होती है झड़प, जानिए वजह

भारत और चीन के बीच की सबसे बड़ी वजह है दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित किसी समझौते का नहीं होना. इसके अलावा कम से कम तीन ऐसी वजह हैं जो समय-समय पर तनाव को जन्म देते रहते हैं.

  • एक हिस्सा है उत्तर में जम्मू-कश्मीर
  • दूसरा हिस्सा मध्य में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड
  • तीसरा हिस्सा है पूरब में सिक्किम और अरुणाचल

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ग्लेशियर, बर्फ के रेगिस्तान, पहाड़ और नदियां हैं। अक्सर दोनों देशों में यह भ्रम पैदा हो जाता है कि उसकी सीमा का उल्लंघन हो रहा है। सड़कों का निर्माण, टेंट बनाना, सैन्य गतिविधि आदि के कारण आशंकाएं बढ़ती चली जाती हैं

  • पेंगौंग त्सो झील : यहां 5 मई को दोनों देशों के 200 सैनिक आमने-सामने हो गये. भारत ने चीनी सैनिकों की मौजूदगी पर एतराज जताया. पूरी रात टकराव के हालात रहे. अगले दिन तड़के भी झड़पें हुईं.
  • नाथूला दर्रा : 9 मई को यहां 150 सैनिक आमने-सामने थे. एक-दूसरे पर मुक्के से हमला किया.
  • लद्दाख : 9 मई को लद्दाख में एलओसी पर चीन ने हेलीकॉप्टर भेजा तो जवाब में भारत ने लड़ाकू विमान सुखोई 30 भेज दिया.
  • पेंगोंग त्सो झील : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 14 हजार फुट की ऊंचाई पर अवस्थित पेंगोंग त्सो झील 134 किमी लंबी है. इसका 45 किमी हिस्सा भारत में आता है. भारत की उत्तरी सीमा पर चीन की ओर से एक तिहाई झड़प की घटनाएं इसी इलाके में होते हैं. रणनीतिक तौर पर इसका महत्व है. यह चुशूल घाटी के रास्ते में पड़ता है जिसका इस्तेमाल भारत पर हमला करने के लिए चीन कर सकता है. चीन ने यहां कई तरीके के निर्माण कर रखे हैं.
  • गालवन घाटी : लद्दाख और अक्साई चीन के बीच गालवन घाटी स्थित है. यही वास्तविक नियंत्रण रेखा है जो चीन के दक्षिणी शिनजियांग से मिलती है. 1962 में यह इलाका जंग का प्रमुख केंद्र रहा था. एलओसी पर निर्माण नहीं करने की सहमति है. मगर, चीन पहले ही अपने इलाके में सैन्य निर्माण कर चुका है मगर भारत को ऐसा करने से रोकता है.
  • नाथूला दर्रा : 14,200 किमी फीट की ऊंचाई पर स्थित नाथुला दर्रा वास्तव में सिक्किम और दक्षिणी तिब्बत के चुम्बी घाटी को जोड़ता है जो गंगटोक के पूरब में 54 किमी की दूरी पर है. यहां से कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा के लिए भारतीय जत्था गुजरता है. नाथूला दर्रे को लेकर 1890 में चीन और ब्रिटिश कालीन भारत के बीच संधि हुई थी. 2006 में नाथुला दर्रा तब खोला गया जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते हुए. 10 मई को भारत और चीन के बीच इस इलाके में झड़प होना इसलिए चिंताजनक है क्योंकि यहां कोई विवाद नहीं रहा है.