भारत-चीन सीमा विवाद: बातचीत के बाद भी नहीं निकला कोई ठोस नतीजा, अब हो सकता ये…

पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पहाड़ी इलाकों में करीब 50 हजार भारतीय सैनिक शून्य से भी नीचे तापमान में युद्ध की उच्चस्तरीय तैयारी के साथ तैनात हैं. दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए हुई कई दौर की बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी बिंदुओं से चीन द्वारा बलों की शीघ्र वापसी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि विवाद का समाधान खोजने को लेकर अभी कोई सफलता नहीं मिली है.

बयान में कहा गया है, ‘दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से वार्ता एवं संवाद बनाए रखने और पुराने मसलों के समाधान के लिए वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, ताकि सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम रहे.’

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास से सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर रचनात्मक, स्पष्ट और गहराई से बातचीत हुई.

इसमें कहा गया, ‘दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सर्वसम्मति को गंभीरता से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर सहमति बनी कि सीमा पर तैनात बल संयम बरतें और गलतफहमी से बचें.’

भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय हिस्से में स्थित चुशुल में शुक्रवार को आठवें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई थी. यह वार्ता करीब साढ़े 10 घंटे चली थी. वार्ता में दोनों देशों की सेनाओं ने जल्द ही पुन: मुलाकात करने पर सहमति जताई थी.

बीजिंग और नई दिल्ली में जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से वार्ता एवं संवाद बनाए रखने और पुराने मसलों के समाधान के लिए वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.

भारत और चीन की सेनाओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वार्ता के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर रजामंदी हुई कि सीमा पर तैनात बल संयम बरतें एवं गलतफहमी से बचें.

भारतीय सेना ने रविवार को कहा कि चीनी सेना के साथ लद्दाख में गतिरोध को लेकर हुई आठवें दौर की सैन्य वार्ता रचनात्मक रही और इस दौरान गहराई से एवं स्पष्ट बातचीत हुई.

सेना ने अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र से सैन्य बलों के पीछे हटने को लेकर ठोस सफलता मिलने के कोई संकेत नहीं होने के बीच यह बयान दिया.

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध बरकरार है और दोनों पक्षों के बीच आठ दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने में सक्षम रही है. हालांकि, दोनों पक्ष एक और दौर वार्ता के लिए तैयार हुए हैं.