भारत और अमेरिका करेगा ये काम , चीन की बढ़ी चिंता

रक्षा विशेज्ञय ब्रह्मा चेलानी बताते हैं कि, ‘अफगानिस्तान से जल्दी और बिना सही तरीके से प्लान किए बिना अमेरिका का जाना नई दिल्ली को बहुत अधिक परेशान किया है। भारत इस बात को लेकर परेशान है कि तालिबान को पाकिस्तान का सपोर्ट हासिल है और इसके कारण भारत में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हो सकती है।’

जब तक अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन रहा है, तब तक तालिबान ने भारत विरोधी चरमपंथियों का स्वागत किया है। भारत सरकार, अफगानिस्तान सरकार को अफगान जनता का प्रतिनिधि मानता रहा है। ऐसे में तालिबान के बढ़ते असर को देखते हुए भारत ने कांधार स्थित वाणिज्य दूतावास से कई कर्मचारियों को बाहर निकाला है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए कोशिश करने की बात कही। उन्होंने अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए काम करने पर भी जोर दिया।

साथ ही भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिकी ग्रुप क्वाड को और मजबूत करने की बात कही। इसके साथ ही जयशंकर ने समसामयिक चुनौतियों पर और भी नज़दीक से काम करने की बात कही है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया है कि भारत-अमेरिका सहयोग को लेकर, दोनों देशों के साझा हित और समान सरोकार को लेकर बात हुई। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ दोनों देशों के बीच सहयोग की भी बात हुई।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत दौरे पर हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ब्लिंकन की यह पहली भारत यात्रा है। दौरे पर उन्होंने भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाक़ात की। बातचीत के दौरान अफगानिस्तान पर विशेष बात हुई। क्या बात हुई, आइए जानते हैं।