भारत और चीन ने बीच किसी भी वक्त हो सकता है ये, बिगड़ चुके हालात, तैयार की जा रही सेना…

दोनों मंत्रियों ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से अलग मास्को (रूस) में वार्ता की, जो ढाई घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक, पांच सूत्री समझौता सीमा पर मौजूदा स्थिति पर दोनों देशों के विचारों का मार्गदर्शन करेगा।

 

दोनों देश सैनिकों को जल्द से जल्द सीमा से बाहर निकालने की कोशिश करने पर सहमत हुए। इसी समय, यह सहमति बनी कि दोनों देशों के जवानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार सुबह एक संयुक्त बयान जारी कर उन पांच बिंदुओं को रेखांकित किया, जिन पर दोनों मंत्री स्पष्ट और रचनात्मक बातचीत के लिए सहमत थे।

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए पांच महीने की योजना पर सहमति जताई है, जो चार महीने से जारी है, जल्द से जल्द सीमा से सैनिकों को हटाकर और तनाव को बढ़ा सकने वाली किसी भी कार्रवाई से बचा जा सकता है।

दोनों देशों ने स्वीकार किया कि सीमा पर मौजूदा स्थिति किसी का अधिकार नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच गुरुवार शाम बातचीत के दौरान समझौता हुआ।

सूत्रों ने कहा कि भारत गठबंधन ने बड़ी संख्या में सैनिकों की उपस्थिति और सैन्य उपकरणों की तैनाती पर दृढ़ता से चिंता व्यक्त की है, लेकिन चीन इन सवालों के लिए कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण देने में असमर्थ रहा है।