IND vs SA: विराट कोहली ने किया ऐसा, दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद टीम से भी बाहर हो सकते हैं

विराट कोहली की कप्तानी और टीम में उनका बने रहना दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट में उनकी कामयाबी पर निर्भर करेगा। विराट ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पूर्व मुंबई में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीसीसीआई के खिलाफ जो बयान दिया वह निश्चित रूप से बर्रे के छत्ते में हाथ डालने जैसा है।

बतौर कप्तान विराट कभी भी अपने फैसलों को लेकर दोहरे मन में नहीं होते। कप्तनाी नेतृत्व करने का सबसे मुश्किल काम होता है- दूसरों के लिए फैसले लेना और फिर उन फैसलों का बोझ साथ लेकर चलना।

विराट ने बतौर कप्तान अपने पहले टेस्ट मैच में रविचंद्रन अश्विन की जगह कर्ण शर्मा को टीम में शामिल किया। विपक्षी टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर ने उस मैच में 12 विकेट चटकाए और अपनी टीम को जीत दिलाई। वहीं लेग स्पिनर कर्ण को फिर कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।

यह एक ऐसा निर्णय है जो किसी भी कप्तान को जिंदगी भर के लिए तकलीफ दे सकता है, डरा सकता है और भविष्य में कठिन फैसले लेने से रोक सकता है। ‘अगर मैं अपने प्रमुख स्पिनर को खिलाता तो क्या चौथी पारी में लक्ष्य छोटा होता? क्या उस युवा लेग स्पिनर का करियर कुछ अलग होता अगर मैं उसे पूरी तरह तैयार होने पर ही मैदान पर उतारता?’

ऐसे सवाल आपको परेशान कर सकते हैं। विराट बाकी सब से थोड़े अलग हैं। अगर वह जानते हैं कि उनका निर्णय टीम के हित में लिया गया है तो फिर वह उस पर सवाल नहीं उठाते हैं। उनके अनुसार झिझक मैदान पर आपसे गलतियां करवाती हैं।

जब उनसे पूछा जाता है कि क्या अपनी ‘सर्वश्रेष्ठ एकादश’ खिलाने पर मैच का परिणाम कुछ और होता, तब उन्हें बहुत गुस्सा आता हैं। उनके अनुसार इसका यह अर्थ होता है कि उन्होंने जानबूझकर अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम को मैदान पर नहीं उतारा।