मुश्किल में रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी, निर्वाचन आयोग को लिखी चिट्ठी

 राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी मुश्किल में हैं। उनकी पार्टी का क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छिन चुका है और अब पार्टी के चुनाव चिह्न पर संकट है।

ऐसे में जयंत चौधरी ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को चिट्ठी लिखकर निकाय चुनावों में रालोद उम्मीदवारों के लिए पार्टी का चुनाव चिह्न ‘हैंडपंप’ आरक्षित करने का अनुरोध किया है। हालांकि आयोग ने अभी तक अनुरोध पर फैसला नहीं किया है।

रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने इस बारे में बताया कि पार्टी ने औपचारिक रूप से मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग में अपना मामला रखा था, जिसमें पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी की इच्छानुसार हैंडपंप चुनाव चिह्न का आग्रह किया गया था। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि राज्य निर्वाचन आयोग पार्टी की स्थिति के संबंध में यथास्थिति बनाए रखेगा, विशेष रूप से जब चुनाव अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।”

उधर, राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी एसके सिंह ने कहा कि आयोग रालोद के आग्रह पर विचार करेगा और योग्यता के आधार पर निर्णय लेगा। उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे की जांच करने के बाद ही रालोद की याचिका पर फैसला करेंगे, जिसमें नागरिक चुनावों में अपने उम्मीदवारों के लिए अपने प्रतीक के आरक्षण की मांग की गई है।”

यूपी में निकाय चुनाव दो चरणों में चार मई और 11 मई को होंगे और मतगणना 13 मई को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन मंगलवार को शुरू हुआ। विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करने वाली रालोद के यूपी विधानसभा में नौ विधायक हैं, उनमें से एक पिछले साल दिसंबर में हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुआ था। जयंत ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग को संबोधित अपनी चिट्ठी में कहा, “कृपया रालोद के चुनाव चिन्ह – ‘हैंडपंप’ को यूपी में होने वाले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में सभी सीटों पर केवल रालोद उम्मीदवारों के लिए आरक्षित करें।”