अभी – अभी इस देश में हुआ ये, दहशत में आए लोग , कही मौत की खबर तो कही किसी की…

शहर में सुरक्षा बहाल करने के लिए सैनिकों को तैनात करने से पहले ही कई घरों में आग लगा दी गई. दोनों पक्षों के कम से कम 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

 

दशकों से चल रहे विद्रोह को समाप्त करने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए जनजातीय संघर्ष एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है.

पिछले साल राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सत्ता से उखाड़ फेंकने के बाद देश लोकतंत्र के लिए एक नाजुक रास्ते पर है. कसाला शहर के गवर्नर मेजर जनरल महमूद बाबेकर के अनुसार, कसला में हिंसा सबसे पहले गुरुवार को बानी आमेर जनजाति और नुबा जनजाति के बीच भड़की. बाबेकर ने कहा कि सप्ताहांत में फिर से झड़पें शुरू हो गईं.

जानकारी के लिए बता दें कि सूडान की राजधानी खार्तूम से लगभग 400 किलोमीटर (250 मील) पूर्व में कसला शहर है. ऑनलाइन प्रसारित किए गए फुटेज में दर्जनों लोगों को सड़कों पर हिंसा करते हुए और घरों को जलाते हुए दिखाया गया है.

देश में कोरोना वायरस की महामारी से लड़ाई के बीच ये हिंसा सामने आई है. दशकों के युद्ध और प्रतिबंधों से सूडान की स्वास्थ्य प्रणाली कमजोर हो गई है. 4.3 करोड़ लोगों के देश में कोरोना वायरस से 64 लोगों की मौत हो चुका है, जबकि 1,164 लोग संक्रमित हैं.

दिनों दिन बढ़ती जा रही जुर्म की वारदात आज हर किसी के दिल और दिमाग में दहशत और कोहराम की स्थिति पैदा कर रही है, जंहा हर दिन कोई न कोई ऐसी खबर सामने आ ही जाती है जिसके कारण लोगों में डर का माहौल बढ़ता ही चला जा रहा है.

हर दिन कही न कही से किसी के मौत की खबर तो कभी किसी की आत्महत्या की वारदात लोगों को पूरी तरह से हिला देती है. वहीं सूडान में हुए एक संघर्ष के दौरान की लोगों की मौत हो गई है

सूडानी अधिकारियों के मुताबिक देश के पूर्व में आदिवासी गुटों के बीच हुए संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई है और कम से कम 79 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों के मुताबिक तीनों मौतें रविवार को हुईं और ये सभी बानी आमेर जनजाति की सदस्य थीं.