इस देश में हुआ रॉकेटों से हमला , भारी संख्या में तैनात की सेना

इस हमले में ईरान का भी हाथ बताया जा रहा है. अमरीका के ड्रोन हमले में ईरान के नेता कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव अभी बरकरार है.

इससे पहले भी ईरान इराक में स्थित अमरीका के कई सैन्य अड्डों पर हमला कर चुका है.ये हमले ऐसे समय पर हुआ है जब हाल में अमरीका व इराक ने कूटनीतिक बातचीत प्रारम्भ की है.

इराकी सेना का बोलना है कि कैम्प ताजी में गिरे रॉकेट से छोटी नुकसान पहुंचा, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. मार्च में कैम्प ताजी पर रॉकेट हमलों में दो अमरीकी व एक ब्रिटेन का सैनिक मारा गया था.`

कैंप ताजी कई सालों से अमरीका का प्रशिक्षण सैन्य केन्द्र रहा है. अमरीका व इराक के बीच प्रतीक्षित कूटनीतिक बातचीत का पहला सत्र बीते गुरुवार को प्रारम्भ हुआ. अमरीका के सहायक विदेश मंत्री डेविड शेंकर ने बातचीत के बाद अमरीकी पत्रकारों से बोला कि इराक में अब विकास की नयी गति सामने आने वाली है.

इसके लिए वह लगातार अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है. इराक के संयुक्त ऑपरेशंस कमान से एक बयान में बोला गया है कि हमले को लेकर इन रॉकेटों के स्रोत का पता लगाने की प्रयास की जा रही है.

उत्तरी बगदाद (Bagdad) में शनिवार देर रात एक इराकी सैन्य अड्डे पर दो रॉकेटों से हमला हुआ. हालांकि इस दौरान किसी के हताहत की कोई सूचना नहीं है.सैन्य अड्डे (Army base) पर अमरीकी सैनिकों की तैनाती है. इराक (Iraq) की सेना ने बताया कि इस महीने यह तीसरा ऐसा हमला है.