अखिलेश को घेरने में जुटी बीजेपी, औरंगजेब और शिवाजी के जरिए…

यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं के बीच प्रतीकों (सिंबल) के जरिए लड़ाई का सिलसिला तेज हो गया है। हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी पसंद के प्रतीकों को आगे कर अपने समीकरण दुरुस्त करने में जुटा है।

अभी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के जिन्ना और वेस्ट यूपी में गन्ना वाली सियासत गर्म ही थी कि अब औरंगजेब और शिवाजी के जरिए भाजपा भी सपा की घेराबंदी में जुट गई है।

गौरतलब है कि सोमवार को वाराणसी में विश्वनाथधाम के लोकार्पण के बाद आयोजित सभा में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि काशी तो अविनाशी है। आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।

यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।

अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को हरदोई में एक जनसभा में मुस्लिम लीग के नेता और पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना के बारे में कहा था, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।’ इसके बाद से ही बीजेपी उन्हें इस मुद्दे पर घेर रही है।

उधर, पीएम मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक अन्य बयान पर भी विवाद छिड़ गया है। अखिलेश ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि अंतिम समय पर काशी से अच्छी जगह कोई और नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री को एक महीने के बजाय तीन महीने तक बनारस में रहना चाहिए।

अपने पैतृक गांव सैफई मे सोमवार को पार्टी कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर कहा कि बहुत अच्छी बात है, वो जगह रहने वाली है, आखिरी समय मे वही काशी में रहा जाता…।

उनके इस बयान को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- ‘दुनिया विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के अवसर की गवाह बनी। हर देशवासी अभिभूत हुआ। आनन्दित हुआ। श्रमिकों का प्रधानमंत्री जी द्वारा सम्मान और उनके साथ भोजन देशवासियों को भावुक करने वाला पल था।