कोरोना वायरस के बीच इस देश ने तैनात की अपनी सेना, जानकर छूटे लोगो के पसीने

अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केस व साउथ चाइना सी टकराव पर समझौता करने के करीब है। बीते वर्ष वियतनाम की डिप्लोमैटिक अकादमी ने साउथ चाइना सी पर एक सम्मेलन की मेजबानी की थी। वियतनाम के उप विदेश मंत्री ने लगभग पांच सालों में पहली बार एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे का मामला उठाया था।

 

हालांकि तब से, वियतनाम को चाइना का साथ मिल रहा है। हाल ही में, चाइना ने अगस्त तक दक्षिण चीन सागर में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, वियतनाम ने चाइना के आदेश को एकतरफा बताते हुए उस निर्णय को मानने से मना कर दिया था।

इंडोनेशिया भी चाइना के साथ खड़ा है। तीन इंडोनेशियाई नाविकों के मारे जाने के बाद, इंडोनेशिया ने चीनी राजदूत को तलब किया। यह उस वक्त सामने आया है जब उनके साथ चाइना के लोगों ने गलत व्यवहार व उत्पीड़न किया गया था।

वहीं, दूसरी ओर चाइना की नजरों में निर्बल प्रांत माने जाने वाले ताइवान ने बार-बार बीजिंग को महामारी की रिएक्शन के बारे में बताया है।

कोरोना वायरस ने वैश्विक मंच पर लीडरशिप की कमी सामने लाया है। चाइना दुनिया व्यवस्था के केन्द्र में अपना रास्ता बनाने की प्रयास कर रहा है। जब जी 20 शिखर सम्मेलन हुआ, तो दुनिया के नेताओं के पास चाइना को बाहर करने का मौका था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जब दुनिया कोरोना वायरस  की वैश्विक महामारी से जंग लड़ रहा है, तब चाइना छोटे राष्ट्रों पर दवाब बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइना ने साउथ चाइना सी (South China Sea) में अपनी गश्त बढ़ा दी है।

उनसे साउथ चाइना सी पर सैन्य बलों की तैनाती की है। कुछ राष्ट्रों को छोड़कर चीनी सेना की आक्रामकता के बारे में छोटे राष्ट्रों ने ज्यादा कुछ नहीं बोला है।