घेरेबंदी के बीच चीन को तगड़ा झटका, भारत ने किया…

कोरोना वायरस के इस संकट काल में भारत और अमेरिका की नजदीकी और बढ़ी है और अमेरिका ने भारत को और महत्त्व देना शुरू कर दिया है। अमेरिकी मदद से भारत को पहले भी कई रणनीतिक समूह में शामिल होने में कामयाबी मिली है।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जी 7 के सम्मेलन को सितंबर तक टाल दिया है और कहा कि इससे पहले वे भारत, ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण कोरिया को बैठक के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं।

जी 7 का यह शिखर सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 10 से 12 जून तक होने वाला था। मौजूदा समय में जी 7 में अमेरिका के साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन जैसे ताकतवर देश शामिल हैं।

बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की ताकत बढ़ी है और वह अहम भूमिका निभाता दिख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका संकेत भी दे दिया है।

उन्होंने जी-7 देशों के समूह को जी-11 में बदलने का संकेत देते हुए इसमें भारत को शामिल करने पर जोर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय जानकारों का कहना है कि इस ताकतवर समूह में शामिल होने के बाद वैश्विक स्तर पर भारत की कूटनीतिक ताकत में काफी बढ़ोतरी होगी।

महत्वपूर्ण बात यह है कि ताकतवर देश होते हुए भी चीन जी 7 में शामिल नहीं है। भारत और अमेरिका में बढ़ती दोस्ती को देखकर चीन बौखला गया है। चीन ने भारत को सलाह दी है कि बेहतर होगा कि वह अमेरिका और चीन के बीच चल रहे कोल्ड वार से दूर रहे।

चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर भारत ने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया और अमेरिकी साझेदारी से चीन के खिलाफ कोई भी कदम उठाया तो कोरोना संकट के इस दौर में इसके आर्थिक नतीजे बेहद खराब हो सकते हैं। चीन का कहना है कि भारत को इस कोल्ड वार से दूर रहना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच चल रहा व्यापारिक संबंध पहले की तरह ही बना रहे।

कोरोना संकट के कारण बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की कूटनीतिक ताकत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में भारत चीन की घेरेबंदी को तोड़ने में कामयाब होता दिख रहा है।