चीन इन दिनों कई विवादों से घिरा है। भारत के साथ एलएसी तनाव के अलावा हांगकांग -ताइवान और साउथ चाइना सी में चीन की दादागिरी से उसके रिश्ते अन्य देशों से खराब हो गए हैं।
कोरोना को लेकर दुनियाभर में आलोचना झेल रहा चीन, इन मुद्दों पर पूरी तरह से घिर गया। अब हालात सुधारने पर विश्व पटल पर बिगड़े रिश्ते मजबूत करने के लिए जिनपिंग सरकार जुट गयी है।
इस बाबत राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को खुद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से फोन पर बातचीत की। इसके अलावा यूरोपीय यूनियन के कई नेताओं के साथ भी जिनपिंग ने फोन पर बातचीत कर अपना पक्ष रखा है।
कहा जा रहा है कि बातचीत काफी सार्थक रही है। चीन और यूरोपीय यूनियन के बीच व्यापार, निवेश समझौते पर चर्चा की गति तेज करने पर सहमति बनी है।
दरअसल, चीन इन दिनों कई विवादों से घिरा है। भारत के साथ एलएसी तनाव के अलावा हांगकांग -ताइवान और साउथ चाइना सी में चीन की दादागिरी से उसके रिश्ते अन्य देशों से खराब हो गए हैं।
कोरोना को लेकर दुनियाभर में आलोचना झेल रहा चीन, इन मुद्दों पर पूरी तरह से घिर गया। अब हालात सुधारने पर विश्व पटल पर बिगड़े रिश्ते मजबूत करने के लिए जिनपिंग सरकार जुट गयी है।
भारत और चीन के बीच एलएसी को लेकर जारी विवाद में जिनपिंग सरकार और चीन खुद फंसता जा रहा है। जब से चीन ने लद्दाख में भारतीय सीमा के पास घुसपैठ करने और क्षेत्रों पर कब्जा जमाने के मंसूबों के तहत साजिश करनीय शुरू की, तब से वह भारतीय सैनिकों से लगातार हार रहा है।
वहीं अंतराष्ट्रीय मंच पर भी अलग थलग हो गया। भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश चीन के खिलाफ खड़े हैं। ऐसे में अब चीन की मुश्किलें बढ़ गयी हैं।