चीन से विवाद के बीच इस देश ने दिया हिंदुस्तान का साथ, ऐसे कर सकता है…

अमेरिका की ओर से जीएसपी दर्जा समाप्त किए जाने से हिंदुस्तान के इंजीनियरिंग उत्पादों को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने इन उत्पादों पर आयात शुल्क दोगुना कर दिया है। इसके अतिरिक्त चमड़ा, नकली आभूषण, फार्मा, केमिकल, प्लास्टिक व कृषि उत्पादों पर भी इसका प्रभाव हुआ। इन सभी वस्तुओं के निर्यातकों के मुनाफे में कमी आई। अमेरिका ने हिंदुस्तान समेत कई राष्ट्रों को तरजीही व्यापार का दर्जा दिया था। इसके तहत वहां के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका कई उत्पादों पर आयात शुल्क नहीं लगाता है।

अमेरिका के विदेश व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथाइजर ने सदन की वित्त समिति को बताया कि अभी दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता चल रही है। हिंदुस्तान की तरफ से संतुलित प्रस्ताव मिलता है तो हम जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस (GSP) का दर्जा दोबारा बहाल कर सकते हैं।

उन्होंने बोला कि हम हिंदुस्तान के साथ बड़े व्यापार सौदे पर वार्ता कर रहे हैं। उम्मीद है कि कुछ समय बाद दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सहमत हो जाएं। पिछले वर्ष ट्रंप ने यह कहते हुए तरजीही व्यापार का दर्जा छीन लिया था कि उनके उत्पादों को भारतीय मार्केट में पर्याप्त पहुंच नहीं दी जाती है।

 चाइना (China) से विवाद के बीच अमेरिका (US) हिंदुस्तान (India) का तरजीही व्यापार का दर्जा (Preferential Trade Status) फिर बहाल करने पर विचार कर रहा है। इस निर्णय के बाद हिंदुस्तान से निर्यात होने वाले करीब 48.38 हजार करोड़ रुपये के उत्पादों को शुल्क से छूट मिल जाएगी।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने जून, 2019 में तरजीही व्यापार का दर्जा समाप्त कर भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क (Import Duty) लगा दिया था। इसके जवाब में हिंदुस्तान ने भी 29 अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाया था।

अमेरिका की ओर से जीएसपी दर्जा समाप्त करने का जवाब देते हुए हिंदुस्तान की ओर से की गई कार्रवाई में अमेरिकी सेब व दाल पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगा दिया गया था।