लॉकडाउन में मां-बाप ने मासूम के साथ किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

कोराना सी महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के बीच यह दिल दहला देने वाली घटना राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हाईटेक शहर नोएडा में सामने आई है।

 

सड़क पर लावारिस हाल में मासूम बच्ची पड़ी होने की सूचना पर फेज-3 नोएडा थाना पुलिस व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) श्रद्धा पाण्डेय घटनास्थल पर पहुंचीं।

इस मार्मिक घटना के बारे में एक एनजीओ के व्यवस्थापक व हाल-फिलहाल में मासूम बच्ची का लालन-पालन करा रहे सत्य प्रकाश के मुताबिक, ’28 अप्रैल की शाम करीब सात बजे के आसपास गौतमबुद्ध नगर पुलिस को 112 के जरिए बच्चे के सड़क पर पड़े होने की समाचार मिली। चार दिन की बच्ची कपड़ों में लपेट कर पर्थला गोलचक्कर के पास रखी गई थी। ‘

सत्य प्रकाश ने आगे बोला ‘बच्ची की जिंदगी बचाना बेहद महत्वपूर्ण था। लिहाजा उसे नोएडा सेक्टर-27 स्थित एक व्यक्तिगत अस्पताल में ले जाया गया। जहां बच्ची को स्वस्थ्य बताया गया। डॉक्टरों ने बच्ची की आयु चार दिन बताई। ‘

चाइल्ड लाइन के प्रोग्राम प्रबंधक सत्य प्रकाश के मुताबिक, वैसे चार दिन की लावारिस बच्ची अब गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन द्वारा हमें देखभाल के लिए दे दी गई है।

सत्य प्रकाश के मुताबिक, ‘हम लोग बच्ची का लालन-पालन कर रहे हैं। बच्ची को ‘गौरी’ नाम दिया गया है। गौरी हमारे पास 33वां बच्चा है। गौरी को लावारिस छोड़ कर जाने वाला कौन है? इसकी तलाश में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन व पुलिस दिन-रात जुटी है।

अब तक हमारे पास गौरी से पहले जो भी 32 ऐसे बच्चे आए हैं, उनमें से किसी भी मुद्दे में पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। गौरी का चोरी छिपे इस घिनौने व गैर-कानूनी ढंग से परित्याग करने का यह ऐसा पहला मुद्दा है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने बाकायदा थाने में एफआईआर दर्ज की है। ‘

लोक-लाज के डर से बेरहम-बेहाल कलियुगी मां-बाप लॉकडाउन में सूनी सड़कों पर तौलिये में लपेट कर तपती धूप में चार दिन की मासूम को बिना कोई ‘नाम’ दिए हुए ही फेंक गए।

यह भी नहीं सोचा कि यह मासूम धूप से तपती सड़क की गर्मी को कैसे बर्दाश्त करेगी? न ही यह सोचा कि दुधमुंही भूख-प्यास लगने पर तड़पेगी मगर अपनी बात किसी से कह नहीं पाएगी।