एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका चीन का सहयोग पाने की कोशिश नहीं कर रहा है. अधिकारी का कहना था कि इस बात का फैसला चीन को करना है कि वो संबंधों को मजबूत करने की तरफ कदम बढ़ाने को कितना तैयार है.
वहीं इसके उलट चीन की तरफ से कहा गया है कि अब संबंधों को मजबूत करने की गेंद अमेरिकी पाले में है. चीन के विदेश मंत्री की तरफ से कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के बारे में चीन को दोबारा विचार करना चाहिए.
अमेरिकी विशेषज्ञ बोनी ग्लासर ने कहा कि दोनों में बातचीत बेहद जरूरी है. लेकिन इस बैठक में भविष्य को लेकर कुछ तय नहीं हो सका है. इसका सीधा असर अमेरिका उसके सहयोगी देशों पर पड़ेगा. हालांकि वे चीन से बहुत अच्छे संबंधों की उम्मीद जरूर कर रहे हैं.
अमेरिका चीन के नेताओं की बीच हुई बातचीत में आखिरकार कोई नतीजा नहीं निकला ये बिना किसी सहमति के खत्म हो गई. ये बैठक अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच की उत्तरी चीन के तटीय शहर तियानजिन में हुई थी.
इस बैठक का असल मकसद आपसी प्रतिद्वंदिता को विवाद का रूप देने से बचाना था. इस बैठक में दोनों की ही तरफ से सख्त रवैया देखने को मिला है. इस बैठक में ये भी तय नहीं हो सका कि अब दोनों के बीच अगली कब बैठक होगी.
इस बैठक को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इससे दोनों देशों के संबंधों पर जमीं बर्फ पिघल सकेगी. लेकिन बैठक में ये बात सामने आई कि इसके लिए दोनों ही तरफ से कुछ रियायतें सामने वाले को देनी होंगी. इस बैठक से ये बात भी सामने आई है कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.