बिहार पंचायत चुनाव मे हुआ ये बड़ा बलदाव , चार चरणों में होगा…

राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव में बोगस मतदान को रोकने में बायोमीटरिक मशीन बड़ा हथियार बनेगी. अब पर्दानशीं महिलाओं की पहचान की बड़ी समस्या दूर हो जायेगी.

कोई भी व्यक्ति चाहे वह नकाब में हो या मैनेज करके दोबारा मतदान करना चाहेगा तो उसे मशीन द्वारा आसानी से पकड़ लिया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने हर बूथ पर बायोमीटरिक मशीन लगाने की पहल की है.

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार से आधार के लिए अंगुलियों के निशान, आंखों की पुतली के निशान को लिया जाता है. वैसे ही बायोमीटरिक मशीन में हर मतदान करनेवाले व्यक्ति की सूचनाएं दर्ज की जायेंगी.

ऐसे में एक बार मतदान करने के बाद अगर वह दुबारा मतदान करने किसी भी बूथ पर पहुंचता है, तो मशीन द्वारा उसकी पहचान कर ली जायेगी. हर मतदाताओं का न्यूनतम चार प्रकार की इंट्री बायोमीटरिक मशीन में की जायेगी.

पूर्व में आयोग ने एक कर्मी को तीन चरणों में ही चुनावी ड्यूटी में तैनात करने का निर्देश दिया था. इसके बाद जिलों से कर्मियों की कमी के कारण मात्र तीन चरणों में ही प्रतिनियुक्ति किये जाने में कठिनाई की जानकारी आयोग को दी गयी. इसके बाद आयोग ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए अधिकतम चार चरणों में कर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है.

आयोग के अनुसार प्रत्येक मतगणना (इवीएम से) टेबुल पर एक महिला कर्मी को मतगणना सहायक के रूप में तैनात किया जायेगा. इवीएम के मतगणना टेबुल पर एक माइक्रो ऑब्जार्बर महिला या पुरुष अवश्य तैनात किया जायेगा. आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा ने यह आदेश जारी किया और इस संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी आयोग को देने को भी कहा है.

बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान एक कर्मचारी को अधिकतम चार चरणों के चुनावी ड्यूटी में तैनात किया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कर्मियों की कमी की दशा में एक मतदान अधिकारी, मतगणना कर्मी,पेट्रोलिंग मैजिस्ट्रेट,माइक्रो ऑब्जार्बर को अधिकतम चार चरणों में ही प्रतिनियुक्त किये जाये.