बिहार विधानसभा में मचा बवाल, महिला विधायक की साड़ी खोलकर किया…

बिहार विधानसभा के अंदर विधायकों के साथ हुई मारपीट से पहले दोपहर में पटना की सड़कों पर भी राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं की पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई.

नए पुलिस विधेयक के अलावा बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जेपी गोलंबर से मार्च करते हुए विधानसभा को घेरने का कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित था.

पटना ज़िला प्रशासन ने मार्च और घेराव करने की अनुमति नहीं दी थी, बावजूद इसके हज़ारों समर्थकों के साथ तेजस्वी ने जेपी गोलबंर से ही मार्च शुरू कर दिया.

विपक्ष का आरोप है कि बिल के पास हो जाने से पुलिस को ऐसी शक्ति मिल गई है कि वह बिना अदालती वारंट के सिर्फ़ शंका के आधार पर किसी को भी गिरफ़्तार करके जेल में डाल सकती है. वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि यह बिल विशेष सशस्त्र पुलिस बल से जुड़ा है, ना कि सामान्य पुलिसिंग से.

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीबीसी से कहा, “यह बिल ले आकर सरकार पुलिस का अपना गुंडा बनाने की कोशिश कर रही है. हिटलर की तरह नीतीश कुमार भी चाहते हैं कि उनके इशारे पर पुलिस बिना वारंट के किसी को भी उसके घर में घुसकर गिरफ़्तार कर ले और जब हम इस काले क़ानून का सदन के अंदर विरोध कर रहे हैं.

तब पुलिस बुलाकर हमारे विधायकों को पीटा जा रहा है. हम जिस क़ानून का विरोध कर रहे हैं, उसी का हमारे ख़िलाफ़़ इस्तेमाल किया जा रहा है.”

बिहार का विपक्ष पिछले कुछ दिनों से सदन के अंदर सत्ता पक्ष पर हमलावर है. लेकिन, ताज़ा गतिरोध की जड़ बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधियेक 2021 है, जिसे सरकार ने भारी हंगामे और बवाल के बीच भी मंगलवार को सदन से पास करा लिया.

सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें सदन के अंदर पुलिस और प्रशासन के लोग विधायकों को लात और मुक्कों से पीटते हुए देखे जा सकते हैं.

विधानमण्डल के अंदर हुई इस हिंसक झड़प में दो महिला विधायकों समेत कुल 12 विधायकों को चोटें आई हैं, कई पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं. सबको इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस तरह ब्यौरा देते हैं, “आज बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान एक काला क़ानून पेश किया गया, जिसके विरोध में हम सब लोग खडे़ थे. लेकिन बिहार ही नहीं, देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सदन के अंदर पुलिस बुलाई गई, एसपी और डीएम ख़ुद विधायकों को पीटने और घसीटकर बाहर करने का काम कर रहे थे.

महिला विधायक अनीता देवी, जो अतिपिछ़ड़ा समाज से भी आती हैं उनके बाल खींचकर, साड़ी खोलकर, घसीटकर ले जाया गया. आज का दिन ‘काला दिन’ के रूप में देश की जनता याद रखेगी.”