राजस्थान में नए जिलों के गठन की मांग के बीच सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, गठित की कमेटी

राजस्थान क्षेत्रफल के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां जिलों की संख्या दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश की तुलना में काफी कम है. राजस्थान में 33 जिले हैं. लम्बे समय से राजस्थान में नए जिलों के गठन की मांग उठती रही है. सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है. इसी को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि नए जिलों की जरूरत क्यों पड़ी? इसकी एक बड़ी वजह मजबूत प्रशासनिक तंत्र की कमी और दूसरी वजह नेताओं का दबाव है. राजस्थान में राजधानी जयपुर समेत कई ऐसे जिले हैं, जिनका आकार काफी बड़ा है और इनकी जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है.

इसी तरह सांभर, शाहपुरा और फुलेरा भी जयपुर से काफी दूर हैं, लेकिन ये सभी इलाके जयपुर कलेक्टर के आदेश से संचालित हो रहे हैं. अब जयपुर के इन चार इलाकों को अलग जिला बनाये जाने की मांग हो रही है. इसी तरह जोधपुर के फलौदी, जैसलमेर के पोखरण और बाड़मेर के बालोतरा को भी अलग जिला बनाये जाने की मांग जनप्रतिनिधि लम्बे समय से कर रहे हैं.

साल 2014 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने एक अन्य रिटायर्ड आईएएस अफसर परमेश चंद्र की अध्यक्षता में एक समिति नए जिलों के गठन की संभावना को लेकर बनाई थी और इस समिति की रिपोर्ट भी साल 2018 में सरकार को मिल गई थी लेकिन अब गहलोत सरकार ने नए सिरे से जिलों के गठन की कवायद शुरू की है.