चीन को झटका देने की तैयारी में ये देश, करने जा रहा…

आज कोरोना संकट ने पूरी दुनिया की गति को रोक दिया है। लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्थाएं और सब कुछ होल्ड पर है। ऐसे संकट के समय में, केवल स्वदेशी, स्वच्छता और महात्मा गांधी के सर्वोदय के मंत्र काम करने वाले हैं।

 

भारत को अपने क्षेत्र और दुनिया के साथ गंभीरता से जुड़ना होगा, लेकिन साथ ही, शासन प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाकर, बदलावों और घोषणाओं से बहुत आगे जाना होगा।

ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्म निर्भर भारत ‘पर जोर दे रहे हैं। मोदी का आत्मनिर्भर भारत के लिए भी यही विचार है जैसा गांधी ने कहा था – ‘भारत का आधुनिकीकरण होना चाहिए लेकिन पश्चिम पर निर्भर नहीं’।

महात्मा गांधी का स्वदेशी आंदोलन और आत्मनिर्भरता एक ही सिक्के के दो पहलू थे और एक बन गया जो आज की दुनिया में भी सार्थक है।

महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन ने भारत के लिए स्वतंत्रता हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई। स्वदेशी का अर्थ है हमारे देश का आंदोलन।

ऐसा इसलिए किया गया ताकि देश के लोग भारत में बने सामानों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और विदेशी यानी यूके निर्मित सामानों का बहिष्कार करें (Boycott Chinese Products) ताकि वो आर्थिक रूप से आहत हों।

चीन के वुहान शहर में शुरू हुए कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को संकट में डाल दिया है। इसके कारण न केवल लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, बल्कि कई देशों को आर्थिक संकट (Economic Crisis) का भी सामना करना पड़ रहा है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमें न केवल स्थानीय उत्पादों को खरीदना है बल्कि उन्हें गर्व से बढ़ावा देना है। यह स्थानीय से विश्व व्यापी बनने का एक बड़ा अवसर है।

लॉकडाउन के बाद स्वदेशी को अपनाने के लिए जोरदार अभियान शुरू करने की तैयारी की गई है, लेकिन यह तभी सफल होगा जब दुकानदार, व्यापारी, विक्रेता और उपभोक्ता सभी इस अभियान से जुड़ेंगे। यदि चीनी उत्पादों को भारत में नहीं बेचा जाता है, तो चीन एक बड़ा बाजार खो देगा।

ऐसी स्थिति में, इसने भारतीयों से एक प्रतिज्ञा लेने की अपील की है कि वे आज से नहीं, बल्कि अब से चीनी सामान खरीदेंगे। देश और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए, स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें।