पाकिस्तान में आई ये बड़ी आफत, जिंदगी जीने को मजबूर

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में कोई राजस्व नहीं पैदा हो रहा है और न ही कर्ज के पैसों से ऐसा कुछ तैयार करने की कोशिश की जा रही है. सरकार नया कर्ज लेकर पुराना कर्ज चुकाने में लगी हुई है. कुल कर्ज का महज 13 फीसदी ही प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में लगाया जा रहा है.

पाकिस्तानी सरकार ने अकेले जनवरी में 960 मिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज लिया. इसमें 675 मिलियन डॉलर कर्मिशयल बैंक से लिया गया कर्ज है, जिसकी ब्याज दर काफी ज्यादा है.

मंत्रालय ने बताया कि 6.7 बिलियन डॉलर में से 2.7 बिलियन डॉलर विदेशी कर्मिशयल लोन है, जो पूरे कर्ज का 41 फीसदी है. करीब 87 फीसदी कर्ज बजट फाइनेंसिंग, विदेशी मुद्रा भंडार और कमोडिटी फाइनेंसिंग के लिए है. (Pakistan Debt Trap)

पाकिस्तान ने पिछले महीने ही चीन (China) से 500 मिलियन डॉलर करीब (3600 करोड़ रुपये) का कर्ज लिया था. पाक अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने आर्थिक मामलों के मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट छापी है.

इसके मुताबिक 2020-21 में जुलाई से जनवरी के बीच पाकिस्तान सरकार ने कई देशों व वैश्विक संस्थाओं से 6.7 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह कर्ज छह फीसदी यानी 380 मिलियन डॉलर ज्यादा है.

कंगाली की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान की हालत दिन ब दिन पतली होती जा रही है. इमरान सरकार (Imran Khan Goverment) पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है.

पड़ोसी मुल्क उधार की जिंदगी जीने को मजबूर है और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी दूसरे देशों के आगे हाथ फैलाने को मजबूर है. मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती सात महीनों की बात करें तो इमरान सरकार विदेशों से 4 लाख करोड़ रुपये (6.7 बिलियन डॉलर) से भी ज्यादा कर्ज उठा चुकी है.