उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापस आने के लिए बसपा ने खेला मंदिर कार्ड, राम मंदिर बनवाने का दिया आश्वासन

बसपा के कार्यक्रम में एक बार फिर से शंख की ध्वनि सुनाई देने लगी है. मंत्रोच्चार के बीच बसपा अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर लौट आयी है. इसी कड़ी में  को अयोध्या से पार्टी ने अपनी ‘प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी’ की शुरुआत की, जो 29 जुलाई तक चलेगी.

पहले इसका नाम ब्राह्मण सम्मेलन रखा गया था, लेकिन आयोजन से कुछ घंटों पहले इसे परिवर्तित कर ‘प्रबुद्ध वर्ग संवाद, सुरक्षा, सम्मान विचार गोष्ठी’ कहा गया.

अयोध्या के दरबार में मत्था टेकने के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बड़ा एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बसपा के शासन में बनेगा.

बसपा बीते दो बार से सत्ता से बाहर है, और विधानसभा चुनाव 2022 में वो सत्ता में आने के लिए बेकरार है. से में बसपा इसबार चुनाव में पूरे दमखम से उतरने की सोच रही है.

वहीं दूसरी ओर जगदंबिका पाल ने कहा कि बसपा ने पहले भी ब्राम्हणों को साथ लाने के लिए कई प्रयत्न किए लेकिन बाद में ब्राम्हणों ने बसपा को देखा. आज ब्राम्हण बीजेपी के साथ है. संसद में सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष हंगामा छोड़ने को राजी नहीं है. जिस भी मुद्दे पर विपक्ष चर्चा चाहता हो सरकार तैयार है लेकिन विपक्ष शान्ति से सदन में आए.