बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में जैश, निशाने पर दिल्ली की ये400 इमारतें

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद राजधानी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में बैठा है,  राजधानी की 400 से ज्यादा जरूरी और अति-संवेदनशील इमारतें  भीड़ भरे मार्केट जैश के निशाने पर हो सकते हैं. इस बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस पूरी तरह मुस्तैद हो गई है  राजधानी की सुरक्षा चुस्त कर दी गई है. हालांकि खुफिया सूचनाएं बहुत ज्यादा समय से आ रही थीं, लेकिन दीवाली का त्योहार करीब आने के बाद आई ताजा खुफिया जानकारी को गंभीरता से लिया गया है,  पूरी राजधानी की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है.

दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि दिल्ली में पुलिस के हिसाब से 15 जिले हैं. लेकिन इन जिलों में से आठ जिलों में (रोहिणी, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, उत्तर, नयी दिल्ली, द्वारका, पूर्वी  मध्य) स्थित 400 से ज्यादा इमारतें  मार्केट बेहद संवेदनशील हैं. खुफिया सूचनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को संवेदनशील चिन्हित इमारतों-बाजारों का ब्योरा भी उपलब्ध करा दिए हैं. ऊपर उल्लिखित आठ जिलों में चिन्हित की गईं संवेदनशील इमारतों में सबसे ज्यादा संख्या नयी दिल्ली की बताई जाती है.

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इन आठ जिलों में लगभग 425 इमारतें संवेदनशील हैं, जिनकी सुरक्षा दिन-रात की जाती है. जैश-ए-मोहम्मद की धमकी के बाद इन इमारतों पर सुरक्षा बंदोवस्त  बढ़ा दिए गए हैं. इन आठ जिलों में से नयी दिल्ली जिले में सबसे ज्यादा लगभग 200 बेहद जरूरी इमारतें हैं, जिन्हें जैश-ए-मुहम्मद या उसके समर्थक आतंकवादी संगठन निशाना बनाने के फिराक में हैं. हालांकि नयी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त भगवान सिंघल इस तरह के किसी खतरे के बारे में किसी तरह की खुफिया सूचना से इंकार करते हैं. उन्होंने आईएएनएस से कहा, “हमारे पास इस तरह के खतरे के बारे में कोई खुफिया सूचना नहीं है, लेकिन त्योहार के कारण हमने एहतियातन अपनी तैयारी कर रखी है.

उन्होंने बोला कि हम भीड़-भाड़ वाले मार्केट मसलन खान मार्केट, कनाट प्लेस आदि पर खास नजर रख रहे हैं. जहां तक संवेदनशील इमारतों की सुरक्षा का सवाल है, तो इसके लिए बाकायदा कई इंस्पेक्टरों की तैनाती की गई है. ये इंस्पेक्टर संवेदनशील इमारतों की देख रेख में जुटे जिम्मेदार सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग्स भी कर रह हैं. उन्होंने आगे बोला कि मैंने बाजार एसोसिएशन वालों से भी कई दौर की मुलाकातें की हैं. क्योंकि कोई भी अजनबी या संदिग्ध सबसे पहले मार्केट में या फिर सड़क पर ही घूमता दिखाई पड़ता है. इसके अतिरिक्त 24 घंटे पिकेट्स ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है. डॉग स्क्वॉड, क्विक रिएक्शन टीमों को भी 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है. हमारे पास जिले का पुलिस फोर्स तो है ही, अलावा सुरक्षा बल भी नयी दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर उपस्थित है.

दिल्ली पुलिस के एक अन्य आला ऑफिसर ने बताया कि इस तरह की खुफिया सूचनाओं के बाद इनसे निपटने में सबसे ज्यादा मददगार होती है सजग जनता. विध्वंसकारी तत्व हमेशा पहले भीड़ के बीच पहुंचकर, भीड़ को ही नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. ऐसे में भीड़ की सतर्क सजग नजरें ही देश विरोधी ताकतों को पहचान कर उनके बारे में पुलिस को बता सकती हैं. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को आकस्मित दिल्ली के कई थानों में मुख्य द्वारों पर हिंदी में नोटिस चस्पा करवा दिए गए. जिसके मुताबिक, थाने की सुरक्षा में तैनात सिपाही मुख्य द्वार पर हर वक्त ताला डालकर रखेगा.

आईएएनएस की पड़ताल में पता चला कि राजधानी के थानों के मुख्य द्वारों पर दिन-रात ताले डाले जाने का फैसला खुफिया सूचनाओं के आधार पर लिया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आठ जिलों में संवेदनशील इमारतों की सबसे कम संख्या (4) वाला जिला उत्तर-पूर्व है. हालांकि सिग्नेचर ब्रिज  कुछ भीड़ भरे मार्केट यहां भी उपस्थित हैं. जबकि पीएम कार्यालय, सेना भवन, संसद, राष्ट्रपति भवन तथा कनाट प्लेस, खान बाजार जैसे बाजारों के कारण नयी दिल्ली जिले की कई इमारतें बेहद संवेदनशील की श्रेणी में हमेशा ही रहती हैं. मध्य दिल्ली जिले में जामा मस्जिद, दिल्ली पुलिस मुख्यालय, राउज एवन्यू कोर्ट, पूर्वी जिले में लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार, आनंद विहार इलाके  उनमें उपस्थित बाजार, आनंद विहार बस अड्डा  रेलवे स्टेशन भी विध्वंसकारियों के निशाने पर हो सकते हैं.

इसी तरह द्वारका जिला अदालत, उत्तरी दिल्ली जिले में स्थित उप-राज्यपाल आवास, दिल्ली विधानसभा, दिल्ली के सीएम का आवास भी संवेदनशील इमारतों की श्रेणी में ही आता है. रोहणी में जहां पीतमपुरा स्थित टीवी टॉवर हमेशा संवेदनशील स्थान में गिना गया है, वहीं उत्तर-पश्चिम दिल्ली में स्थित आजादपुर मंडी भी संवेदनशील स्थान में है. खुफिया सूचनाओं के अनुसार, जैश-ए-मुहम्मद या फिर उसके जैसा कोई अन्य आतंकवादी संगठन आत्मघाती हमला कर सकता है. वे भीड़ पर बम फेंकने से लेकर विस्फोटक (आईईडी) का प्रयोग भी कर सकते हैं,  संवेदनशील इलाकों में अंधाधुंध फायरिंग भी कर सकते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, तीन मई, 2016 को अरैस्ट जैश के तीन आतंवादियों ने भी कुछ इसी तरह की साजिशों का खुलासा किया था. तीनों दिल्ली के चांद बाग इलाके से अरैस्ट किए गए थे. बाद में इन्हें शरण देने वाले 10 से ज्यादा लोगों को भी अरैस्ट कर लिया गया था. 21 जनवरी, 2019  फिर 23 जनवरी, 2019 को अरैस्ट जैश आतंकी अब्दुल लतीफ गैनी (गनी) उर्फ उमैर  हिलाल अहमद भट से भी दिल्ली पुलिस  खुफिया तंत्र को कई ऐसी ही जरूरी जानकारियां हासिल हुई थीं.