जेएनयू में हिंसा ने सारे हिंदुस्तान में नया सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिकर कैसे नकाबपोश बदमाश परिसर में घुसकर गए व विद्यार्थियों पर हमला करने में पास रहे। इस घटना के बाद पुलिस से कार्यवाही की मांग हो रही है। वही दूसरी व इस मुद्दे को लेकर मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर जेएनयू में हुई हिंसा के विरूद्ध प्रदर्शन के दौरान ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर दिखाने पर सियासी घमासान छिड़ गया है। बीजेपी ने इस मसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व शिवसेना को कठघरे में खड़ा किया, वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बोला कि यह कार्य गिने-चुने अराजकतावादी तत्वों का है। पुलिस ने पोस्टर लहराने वाली महिला महक मिर्जा प्रभु के विरूद्ध केस दर्ज किया है। इसके अतिरिक्त उमर खालिद के विरूद्ध भी मुद्दा दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुद्दे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस बीच, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, पोस्टर दिखानेवाले विद्यार्थियों ने सफाई दी है कि वे इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं व अन्य मुद्दों पर प्रतिबंध से मुक्ति चाहते हैं। इसके बावजूद अगर कोई हिंदुस्तान से कश्मीर की आजादी की बात करता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्विटर पर पोस्टर की तस्वीर टैग करते हुए ठाकरे से पूछा, यह प्रदर्शन किस बात को लेकर था? फ्री कश्मीर के नारे लगाए जा रहे हैं। उद्धव जी आपकी नाक के नीचे यह सब हुआ। क्या आप हिंदुस्तान विरोधी अभियान को बर्दाश्त कर रहे हैं? वहीं, मुंबई कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने भी पोस्टर पर सवाल उठाए। निरुपम ने ट्वीट किया, जेएनयू मुद्दे का कश्मीर की आजादी से क्या रिश्ता? इन लोगों को किसने यहां भेजा? सरकार इसकी जाँच कराए।