तब्लीगी जमात के सैकड़ों कोरोना संक्रमितों में से 129 सदस्य अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और इन स्वस्थ सदस्यों ने अपने प्लाज्मा के ज़रिये कोरोना का इलाज करने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ में जमा हुए देश दुनिया के तब्लीगी जमात के सदस्यों पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा था
सूत्रों का कहना है कि 40 जमात सदस्यों का प्लाज्मा ले लिया गया है। जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति के प्लाज्मा से दो मरीजों का इलाज किया जा सकता है।
प्लाज्मा डोनेशन और ब्लड डोनेशन में फर्क है। ब्लड डोनेशन करने वाल एक बार रक्तदान करने के बाद तीन महीने तक किसी को रक्त नहीं दे सकता जबकि प्लाज्मा देने वाला सिर्फ एक महीने बाद ही फिर से प्लाज्मा दे सकता है। प्लाज्मा रक्त के भीतर से निकाला जाता है। इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है।