79 साल के हुए शरद पवार, खोला बड़ा राज, कहा घर पर बिना पूछे नहीं किया ऐसा…

देश  महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स के महान नेता शरद पवार आज 79 साल के हो गए. पवार को प्रातः काल से ही बधाइयों का तांता लगा हुआ है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार को पूरा नाम गोविंदराव पवार है. पवार ने मुंबई के वाय बी चव्हाण सेंटर में प्रातः काल पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. राकांपा की लोकसभा मेम्बर  पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने ट्विटर पर अपने पिता को जन्मदिन की शुभकामना दी.

उन्होंने लिखा कि प्रिय बाबा, आप हमारे लिए अनंत ऊर्जा का एक स्रोत हैं. आपने हमें विचार की एक उज्ज्वल विरासत दी है  उसका नेतृत्व करने की ताकत भी दी है पिता, आपको जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं. दीर्घायु  स्वस्थ ज़िंदगी की कामना करती हूं.

राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए ट्विटर हैंडल से लिखा है कि महाराष्ट्र की विकास आघाडी सरकार के शिल्पकार, राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री शरदचन्द्र पवार साहेब को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.

बारामती में हुआ शरद पवार का जन्म
मराठा महान का जन्म पुणे जिले के बारामती में 12 दिसंबर, 1940 को श्री गोविंदराव पवार  श्रीमती शारदाबाई पवार के यहां हुआ. पवार के पिता बारामती फार्मर्स कोऑपरेटिव में कार्य किया करते थे, जिसे सहकारी खेड़ी विक्री संघ के नाम से भी जाना जाता है. उनकी मां बारामती से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित केटवाड़ी स्थित उनके खेतों की देखभाल करती थी. शरद पवार के पांच भाई  चार बहनें हैं.
शरद पवार की प्रारंभिक एजुकेशन महाराष्ट्र शिक्षा सोसाइटी के तहत एक स्कूल से हुई. उच्च एजुकेशन के लिए उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय के तहत बृहन् महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया  यहां से अपनी पढ़ाई पूरी की. एक अगस्त, 1967 को शरद पवार ने प्रतिभा  शिंदे से विवाह की, जिनसे उनकी एक बेटी सुप्रिया सुले हुई. वर्तमान में सुप्रिया सुले बारामती सीट से सांसद हैं.
शरद पवार पढ़ाई में एक औसत विद्यार्थी थे, लेकिन वह प्रारम्भ से ही विद्यार्थी पॉलिटिक्स में बहुत ज्यादा सक्रिय थे. उनके द्वारा दिए जाने वाले उत्साहपूर्ण भाषण, उनकी गतिशील बोलने की क्षमता, उनके द्वारा खेल  बाहरी गतिविधियों को व्यवस्थित करना, उनके नेतृत्व संभालने वाले गुणों के शुरुआती संकेतक थे.

पॉलिटिक्स के क्षेत्र में उनका पहला काम 1956 में गोवा मुक्ति आंदोलन के समर्थन में संगठन के विरोध में उनकी सक्रिय सहभागिता थी. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह बृहन महाराष्ट्र कॉमर्स कॉलेज (बीएमसीसी) में विद्यार्थी संघ का चुनाव लड़े  महासचिव के रूप में काम किया.

इस तरह पॉलिटिक्स में उनका प्रवेश हुआ  वह युवा कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े. जल्द ही उनकी मुलाकात यशवंतराव चव्हाण से हुई, जिन्हें आधुनिक महाराष्ट्र का वास्तुकार माना जाता है. चव्हाण ने एक नेता के रूप में पवार की क्षमता को पहचाना  अंततः शरद पवार युवा कांग्रेस पार्टी के नेता बन गए. वह प्रदेश की प्रदेश कांग्रेस पार्टी समिति के मेम्बर भी थे.

शरद पवार 1967 में बारामती का अगुवाई करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचे थे. 1972  1978 के चुनाव में भी शरद पवार चुनाव जीते. यशवंत राव चव्हाण के संरक्षण में पॉलिटिक्स प्रारम्भ करने वाले पवार ने पॉलिटिक्स में पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.