सामने आया हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला , जांच शुरू

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्रों के रैगिंग का मामला तूल पकड़ गया है। जिला प्रशासन ने मामले में कॉलेज प्रशासन ने जानकारी मांगी है। वहीं हॉस्टल प्रबंधन की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।

इसके बाद कालेज प्रबंधन की दो कमेटियां मामले की जांच करने जा रही हैं। मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले को आपके अपने प्रिय अखबार ‘हन्दिुस्तान’ ने प्रमुखता से उठाया था। मामला सुर्खियां बनने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। ब्वॉयज हॉस्टल में स्टूडेंट्स के बाल काटने का मामला भी एमबीबीएस प्रथम वर्ष के हॉस्टल के वार्डन ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया, यह सवाल भी उठ रहा है।

सूत्रों का कहना है कि पिछले दो हफ्तों से ज्यादा समय से स्टूडेंट्स बाल काटे हुए कक्षाओं में लाइन बनाकर मूवमेंट कर रहे थे। इधर, खबर प्रकाशित होने के बाद कॉलेज प्रबंधन से जिला व पुलिस प्रशासन ने फोन कर मामले की जानकारी मांगी है। वहीं कॉलेज प्रबंधन ने मामले की दो समिति से जांच कराने की बात कही है।

ये समितियां सोमवार को मामले की जांच शुरू करेगी। कॉलेज प्रबंधन ने की स्थिति साफ: मामला सुर्खियों में आने के बाद कॉलेज प्रबंधन मामले की साफ-सफाई में जुट गया है। कॉलेज प्रबंधन ने मीडिया को छात्रों से मिलवाया।

सूत्रों के अनुसार छात्राएं भी सीनियर का अदब सीखती हैं। उनको भी अपने सीनियर के तौर-तरीके सिखाए जाते हैं। छात्राओं को दो चुटिया बनाकर ही अपनी कक्षाओं व अन्य जगह पर मूवमेंट करने को कहा गया है। हालांकि मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल लाइफ में इस तरह की बात बहुत सामान्य है।

हॉस्टल की स्थिति बेहतर करने में जुटे प्राचार्य: डॉ. अरुण जोशी के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य बनने के बाद उनका फोकस हॉस्टल पर रहा है। सबसे पहले उन्होंने सभी हॉस्टल की सफाई व बाथरूम की स्थिति को सुधारा है। स्टूडेंट्स पढ़ने के साथ खेल भी सकें, इसके लिए हॉस्टल के भीतर बैडमिंटन कोर्ट भी बनवाया है।

रैगिंग का न कोई मामला है और न ही कोई शिकायत है। बावजूद इसके अनुशासन समिति व एंटी रैगिंग कमेटी जांच करेगी। सोमवार को दोनों कमेटियां बैठेंगी और जो भी जरूरी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।