दिल्ली के कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स या हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुकी है. शुक्रवार सुबह दिल्ली के आनंदविहार इलाके में एक्यूआई 422 तक पहुंच गया. यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर है.
आनंदविहार के साथ साथ दिल्ली के आरके पुरम में एक्यूआई 407, द्वारका में 421, सेक्टर 8 और बवाना में AQI 430 पहुंच गया. दिल्ली में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है.
हालात यहां तक पहुंच जाते हैं कि सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. इससे खास तौर पर बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो जाता है.
बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रेसपिरेट्री डिपार्टमेंट के डॉ. संजीव नायर ने बताया कि दिल्ली इस समय गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है. इसके कारण मरीजों में सांस लेने और खांसी जैसी शिकायत बढ़ती जा रही है.
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण लोग में गले में दर्द, गले में सूजन, आंखों से पानी आने और सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायत देखी जा रही है.
ऐसे में जब कोरोना और प्रदूषण एक साथ लोगों पर हमला कर रहे हैं ऐसे समय में घर के अंदर ही रहना ही एक मात्र उपाय है. नायर ने कहा कि त्योहार का सीजन जरूर है लेकिन हालात को देखते हुए घर के अंदर रहने में ही भलाई है.
कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बीच दिल्ली (Delhi) वालों के लिए प्रदूषण (Pollution) अब जानलेवा साबित होने लगा है. प्रदूषण के कारण एक बार फिर दिल्लीवालों में सूखी खांसी की शिकायत देखने को मिल रही है.
ऐसे में डॉक्टरों के लिए ये जानना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है कि खांसी कोविड-19 (COVID-19) की वजह से है या प्रदूषण की वजह से. डॉक्टरों के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जिस तरह का हो गया है उसे देखने के बाद हम ये कह सकते हैं कि दिल्ली के लोग हर दिन 30 सिगरेट जितना धुआं बिना सिगरेट पिए अपने शरीर के अंदर खींच रहे हैं.