दिल्ली मेंं साफ़ हुआ कांग्रेस पार्टी का पत्ता, नहीं मिली एक भी…

सोशल मीडिया की बात हो या राजनीतिक रैलियों की, कांग्रेस पार्टी कहीं दिख नहीं रही थी। आम आदमी पार्टी की तरफ से जहां अरविंद केजरीवाल ने कमान संभाली तो बीजेपी की तरफ गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सैकड़ों संसद जनता के बीच पहुंचे। दोनों पार्टियों के इतने आक्रामक प्रचार के बीच कांग्रेस शुरुआत में ही पिछड़ती दिखी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनौपचारिक रूप से दिल्ली चुनाव का शंखनाद 22 दिसंबर को ही रामलीला मैदान में बीजेपी के धन्यवाद रैली से कर दी थी।

इसके अलावा भी अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच पीएम मोदी द्वारका और कड़कड़डूमा ने संबोधित किया। वहीं चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी उतरे। कांग्रेस पार्टी को अपने शीर्ष नेताओं को पहले ही चुनाव प्रचार में उतार देना चाहिए था।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी लगातार दूसरी बार बंपर सीटों के साथ सरकार बना रही हैं। वहीं 48 सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी दहाई अंक तक भी नहीं पहुंची।

सबसे बुरा हाल कांग्रेस पार्टी का रहा। लोकसभा चुनाव 2014, विधानसभा चुनाव 2015, लोकसभा चुनाव 2019 के बाद लगातार चौथी बार कांग्रेस पार्टी का खाता नहीं खुला।

15 सालों तक दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का राज रहा लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस का वोटबैंक भी खत्म हो गया।